पानी-बिजली के लिए अब पार्षद उतरेंगे सड़क पर

धनबाद: पानी-बिजली संकट पर अब पार्षद गोलबंद हो गये हैं. मंगलवार को बेकारबांध में आपात बैठक की. 11 जनवरी को धरना व डीवीसी चेरयमैन, जीएम व पीएचइडी कार्यपालक अभियंता का पुतला दहन कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया. पार्षदों का कहना है कि दोनों मामले राज्यस्तरीय हैं. जब मुख्यमंत्री ही लाचार हैं तो हम पार्षदों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2015 8:19 AM
धनबाद: पानी-बिजली संकट पर अब पार्षद गोलबंद हो गये हैं. मंगलवार को बेकारबांध में आपात बैठक की. 11 जनवरी को धरना व डीवीसी चेरयमैन, जीएम व पीएचइडी कार्यपालक अभियंता का पुतला दहन कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया. पार्षदों का कहना है कि दोनों मामले राज्यस्तरीय हैं. जब मुख्यमंत्री ही लाचार हैं तो हम पार्षदों की क्या हैसियत है. बैठक में पार्षद प्रफुल्ल मंडल, गणपत महतो, लक्ष्मी सांवड़िया, कृष्णा अग्रवाल, रणजीत उर्फ बिल्लू, अशोक यादव, इम्तियाज खान, अशोक पाल, निर्मल मुखर्जी, मदन महतो, महेश पासवान आदि उपस्थित थे.
निर्मल मुखर्जी : सांसद महोदय बतायें पानी, बिजली, सड़क व फ्लाइओवर मामले में सदन में कितने सवाल किये हैं. विधायक राज सिन्हा मुख्यमंत्री से मिल कर तसवीर खिंचवाकर घर में बैठ गये हैं. ये अच्छे दिनों के संकेत नहीं है.
अशोक पाल : बिजली का मामला राज्य स्तरीय है. जब मुख्यमंत्री ही अक्षम हैं तो हम पार्षदों की क्या हैसियत है. पुरानी सरकार का खामियाजा हमलोग भुगत रहे हैं. सांसद व विधायक को आगे बढ़ कर मोरचा संभालना चाहिए.
मदन महतो : अपनी जिम्मेवारी निभाने में सरकार अक्षम साबित हो रही है. सांसद पहले से ही निष्क्रिय है. सांसद व विधायक अक्षम हैं तो हम पार्षद क्या करेंगे. अच्छे दिन के संकेत नहीं है. आनेवाले दिनों में और भी बुरा हाल होनेवाला है.
प्रियरंजन : सरकार बने कुछ दिन हुए हैं. पुरानी सरकार के किये का खामियाजा हमलोग भुगत रहे हैं. सरकार के गठन होने के बाद मामले को उठायेंगे. अगर समस्या का समाधान नहीं होता है तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

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