मुंसिफ हो अगर तुम तो कब इंसाफ करोगे, मुजरिम हैं अगर हम तो सजा क्यों नहीं देते
धनबाद: मुंसिफ हो अगर तुम तो कब इंसाफ करोगे, मुजरिम हैं अगर हम तो सजा क्यों नहीं देते. ये शेर मशहूर शायर अहमद फराज के हैं और धनबाद की मौजूदा स्थिति पर फिट बैठते हैं. बिजली संकट पर हाकिम चुप्पी साधे हैं और जनता रोज सड़कों पर उतर रही है. स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही […]
धनबाद: मुंसिफ हो अगर तुम तो कब इंसाफ करोगे, मुजरिम हैं अगर हम तो सजा क्यों नहीं देते. ये शेर मशहूर शायर अहमद फराज के हैं और धनबाद की मौजूदा स्थिति पर फिट बैठते हैं. बिजली संकट पर हाकिम चुप्पी साधे हैं और जनता रोज सड़कों पर उतर रही है. स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही है.
शनिवार को भी कई संगठन सड़कों पर उतरे और गुस्से का इजहार किया. यह अलग बात है कि डीवीसी पर इसका असर नहीं पड़ रहा है. बिजली व्यवस्था पहले की ही तरह चरमरायी हुई है. छह घंटे घोषित शेडिंग के अलावा भी घंटों बिजली गुल रह रही है. ऐसा महीनों से हो रहा है. लोगों को उम्मीद थी कि नयी सरकार इस मसले को संजीदगी से लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. लिहाजा लोग सड़कों पर उतर कर अपना हक मांग रहे हैं.
कोयलांचल नागरिक संघ ने शांति मार्च निकाला : कोयलांचल नागरिक संघ ने रणधीर वर्मा चौक से मिश्रित भवन स्थित जीएम कार्यालय तक शांति मार्च किया और बाद में ऊर्जा विभाग के महाप्रबंधक धनेश झा से वार्ता की. कार्यक्रम का नेतृत्व स्व. सूर्यदेव सिंह की पुत्री एवं झरिया विधायक संजीव सिंह की बहन किरण सिंह कर रही थी. शांति मार्च में बड़ी संख्या में यहां के नागरिक शामिल थे. मिश्रित भवन पहुंचते ही श्रीमती सिंह ने कहा कि कोयलांचल की जनता अब जागृत हो चुकी है. अब हम चुप नहीं रहेंगे. उन्होंने ऊर्जा विभाग के पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वक्त रहते अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लायें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें. जनता जब वक्त पर बिजली बिल का भुगतान करती है तो फिर वह क्यों सफर करे. रुद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोयलांचल के नौजवान अब चुप बैठने के मूड में नहीं हैं. हम अब जन आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. मिश्रित भवन के बाहर इन लोगों का भाषण चल ही रहा था कि ऊर्जा विभाग के जीएम के यहां से वार्ता के लिए बुलाया गया.