लोहिड़ी बिच बड़ा याद आंदा है पंजाब
धनबाद. लोहिड़ी बिच बड़ा याद आंदा है पंजाब. ओजी अपना साल भर का त्योहार है, फिक्र दी कोई गल नहीं. असी कोयलांचल में ही उतार लायेंगे पंजाब. कुछ इस अंदाज में अपने पंजाब को याद करते हैं कोयलांचल में बसे सिख परिवार. पंजाबी मुहल्ला (मटकुरिया) में बसे सिख परिवार को इस बात की टीस तो […]
धनबाद. लोहिड़ी बिच बड़ा याद आंदा है पंजाब. ओजी अपना साल भर का त्योहार है, फिक्र दी कोई गल नहीं. असी कोयलांचल में ही उतार लायेंगे पंजाब. कुछ इस अंदाज में अपने पंजाब को याद करते हैं कोयलांचल में बसे सिख परिवार. पंजाबी मुहल्ला (मटकुरिया) में बसे सिख परिवार को इस बात की टीस तो है कि लोहिड़ी में पंजाब की बात ही कुछ और होती है. घर-घर ढोल-ताशे बजते हैं. भांगड़ा गिद्धा की धूम मचती है. पर खुशियां तो मनानी है. यहां सब सिख परिवार मिल मुहल्ले में ही मनाते है लोहिड़ी. खूब नाचते गाते हैं. लोहिड़ी जलाते हैं. उसके फेरे लेते हैं. देर तक ढोल नगाड़े बजते हैं. एक-दूसरे को लोहिड़ी की बधाइयां देते हैं. सुषमा ममगीन, बल्विंदर कौर, वर्षा सैनी, मनप्रीत कौर, ज्योत्सना सैनी, शीतल शर्मा, अनु, गुडि़या, रवनीत कौर, हरमीत, दसजोत कहती हैं पंजाब बिच लोहिड़ी दी बडी़ धूम मचती है सारे मिल के भांगड़ा पानेया, गिद्धा पानेया. लोहिड़ीवाले दिन सारे मिलके मना लेंदे हैं.गाते हैं खुशी के गीतखोल माई खूंड़ा, जीवे तेरा मुंडा, दे दे वीरा लोहिड़ी, जीवे तेरी जोड़ी, साड्डे पैरा हेट सिलाइयां असी किस केडे बेले दीयां, आइयां साड्डे पैरा हेट अखरोट असी लेनां सौ सौ दा नोट