धनबाद. स्वामी विवेकानंद अभिव्यक्ति नहीं विचार हैं. भारत की चरमरायी व्यवस्था को पुनर्जीवित करना है. नया भारत गढ़ना है. साहित्य के माध्यम से लोगों को शिक्षित करना है. उक्त बातें भागलुपर विवि से अंगरेजी के रिटायर्ड प्रोफेसर राम चरित्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कही. वे इंडस्ट्री एंड कॉमर्स एसोसिएशन सभागार में दिगंत पथ परिवार द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. स्वामी विवेकानंद जी की 152वीं जयंती के अवसर पर दिगंत पथ परिवार द्वारा भारत में युगांतर परिवर्तन एवं विवेकानंद विषय पर गोष्ठी करायी गयी. किरीट चौहान ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर परिवार द्वारा सांसद पशुपति नाथ सिंह एवं धनबाद विधायक राज सिन्हा को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. अतिथियों ने दिगंत पथ पत्रिका का विमोचन किया. पत्रिका विवेकानंद जयंती पर खास निकाली गयी है. मौके पर भाजपा के जिलाध्यक्ष हरिप्रकाश लाटा, समाजसेवी शरत दुदानी, अधिवक्ता समर श्रीवास्तव, परिवार के शैलेंद्रजी, महेंद्र अग्रवाल, रामेश्वर प्रसाद, इंदिरा, प्रेमानंद, दिनेश एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन लोकेश कुमार ने किया.
विचार हैं स्वामी विवेकानंद : प्रो. सिंह
धनबाद. स्वामी विवेकानंद अभिव्यक्ति नहीं विचार हैं. भारत की चरमरायी व्यवस्था को पुनर्जीवित करना है. नया भारत गढ़ना है. साहित्य के माध्यम से लोगों को शिक्षित करना है. उक्त बातें भागलुपर विवि से अंगरेजी के रिटायर्ड प्रोफेसर राम चरित्र सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कही. वे इंडस्ट्री एंड कॉमर्स एसोसिएशन सभागार में दिगंत पथ परिवार […]
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