नन्हीं बेटी की जिंदगी बचाने की जद्दोजहद

धनबाद: उम्र महज छह माह. बीमारी जानलेवा थैलीसिमिया. जरूरत बी नगेटिव ब्लड की. दुनिया में कदम रखते ही अर्चना की जिंदगी के लिए माता-पिता जद्दोजहद कर रहे हैं. प्यारी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए माता-पिता को डोनर की तलाश है. पीएमसीएच के ब्लड बैंक में बी नेगेटिव ब्लड नहीं है. अर्चना को खून चढ़ाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 9:22 AM
धनबाद: उम्र महज छह माह. बीमारी जानलेवा थैलीसिमिया. जरूरत बी नगेटिव ब्लड की. दुनिया में कदम रखते ही अर्चना की जिंदगी के लिए माता-पिता जद्दोजहद कर रहे हैं.

प्यारी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए माता-पिता को डोनर की तलाश है. पीएमसीएच के ब्लड बैंक में बी नेगेटिव ब्लड नहीं है. अर्चना को खून चढ़ाना जरूरी है. कोलाकुसमा निवासी वासुदेव धीवर की छह माह की बेटी को थैलीसिमिया से पीड़ित है. माता-पिता ने अस्पताल प्रबंधन से भी गुहार लगायी है. अर्चना फिलहाल पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भरती है.

क्या है थैलीसीमिया
थैलीसिमिया बच्चों के माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रोग है. इसमें शरीर में हीमोग्लोबीन निर्माण की प्रक्रिया गड़बड़ा जाती है. शरीर में रक्त की काफी कमी हो जाती है. रक्त देकर ही ऐसे मरीजों को बचाया जा सकता है. सरकारी नियमानुसार किसी भी निजी या सरकारी ब्लड बैंक को बिना किसी डोनर के प्राथमिकता के तौर पर खून देना है, लेकिन जिले के ब्लड बैंक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं.

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