झरिया की बेटी ने की जर्मनी में इंटर्नशिप
जोड़ापोखर: डिगवाडीह संस्कृत विद्या मंदिर के शिक्षक शालीमार निवासी गदाधर दास महापात्र की पुत्री सुस्मृति दास महापात्र ने झरिया को गौरवान्वित किया है. सुस्मृति जर्मनी के हमबर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से समर इंटर्नशिप प्रोजेक्ट पर शोध कर करीब ढ़ाई माह बाद 22 जुलाई 2013 को स्वदेश (शालीमार) लौटी है. वह एनआइटी जमशेदपुर में अभियंत्रण अंतिम […]
जोड़ापोखर: डिगवाडीह संस्कृत विद्या मंदिर के शिक्षक शालीमार निवासी गदाधर दास महापात्र की पुत्री सुस्मृति दास महापात्र ने झरिया को गौरवान्वित किया है. सुस्मृति जर्मनी के हमबर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से समर इंटर्नशिप प्रोजेक्ट पर शोध कर करीब ढ़ाई माह बाद 22 जुलाई 2013 को स्वदेश (शालीमार) लौटी है. वह एनआइटी जमशेदपुर में अभियंत्रण अंतिम वर्ष की छात्र है. सुस्मृति कोल इंडिया में काम करने को इच्छुक हैं.
जर्मनी सरकार ने दिया था स्कॉलरशिप : शोध के लिए सुस्मृति को जर्मनी सरकार की ओर से 11 सितंबर 2012 को दो हजार यूरो का स्कॉलरशिप देने की घोषणा की गयी थी. स्कॉलरशिप मिलने के बाद दो मई 2013 को वह जर्मनी गयी थी. वहां उसने ढाई माह तक हमबर्ग यूनिवर्सिटी में नैनो पार्ट्स, काकोलेटी, मेमटीन आदि विषयों पर शोध किया.
शेयर किये अनुभव : सुस्मृति दास महापात्र ने जर्मनी की संस्कृति व वातावरण का अनुभव प्रभात खबर से शेयर किया. कहा कि जर्मनी का वातावरण काफी अच्छी है. वहां गंदगी नाम की कोई चीज नहीं है. काफी ठंड रहती है. वहां के लोग मिलनसार हैं. शोध के दौरान वह खुद खाना बनाती थी.