चार घंटे की शेडिंग बरकरार, डीवीसी को पैसा चाहिए
20 तक देने की बात थी, पर मिला नहीं बकायावरीय संवाददाता, धनबाद डीवीसी की ओर से चार की शेडिंग बरकरार है. डीवीसी का साफ कहना है कि जब तक पैसे नहीं मिलेंगे, तब तक शेडिंग जारी रहेगी. डीवीसी मैथन के मुख्य अभियंता (सीएलडी) बीएन पान ने कहा कि 20 जनवरी को पैसे देने की बात […]
20 तक देने की बात थी, पर मिला नहीं बकायावरीय संवाददाता, धनबाद डीवीसी की ओर से चार की शेडिंग बरकरार है. डीवीसी का साफ कहना है कि जब तक पैसे नहीं मिलेंगे, तब तक शेडिंग जारी रहेगी. डीवीसी मैथन के मुख्य अभियंता (सीएलडी) बीएन पान ने कहा कि 20 जनवरी को पैसे देने की बात थी, लेकिन अभी तक चेक नहीं मिला है. पावर प्लांटों में कोयले का स्टॉक भी अब चार-पांच दिनों का है, ऐसे में शेडिंग खत्म नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि कोयला कंपनियां बिना पैसे के कोयला नहीं देती है तो ऊर्जा विभाग अगर पैसे नहीं देगा तो वे लोग कहां से कोयले के लिए पैसे लायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी हाल यह है कि मीजिया की आठ में से पांच यूनिटों में उत्पादन हो रहा है, इसी तरह चंद्रपुरा में पांच यूनिट में से तीन यूनिट में ही उत्पादन हो रहा है. कोडरमा एवं बोकारो की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक पैसे नहीं मिल जाते हें तब तक शेडिंग जारी रहेगी. इधर ऊर्जा विभाग का कहना है कि उतनी बड़ी राशि के लिए केबिनेट में निर्णय हो चुका है, अब तो उसे थोड़ी राहत देते हुए कुछ दिन इंतजार करना चाहिए. सीएमडी की बैठक में संकट पर कोई चर्चा नहीं इधर धनबाद सहित राज्य के सभी महाप्रबंधकों एवं अधीक्षण अभियंताओं के साथ रांची में ऊर्जा विभाग के नये सीएमडी ने शनिवार को बैठक की. लेकिन बैठक में पांच माह से चल रहे बिजली संकट पर कोई चर्चा नहीं हुई. सीएमडी ने सिर्फ और सिर्फ राजस्व बढ़ाने की चर्चा की. उन्होंने कहा कि अगर आपको एक यूनिट बिजली मिलती है, तो उसका पैसा चाहिए.