नाग देवता के रूप में भोले बाबा ने दिया था दर्शन
04 बोक 01 – मंदिर में संचालन में सहयोग करने वाले श्रद्धालु04 बोक 02 – मंदिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा-अर्चनाबोकारो के शिव मंदिर – 5प्रतिनिधि, बोकारो श्रीश्री नर्मदेश्वर शिव मंदिर सेक्टर-2 सी में वर्ष 1988 में पीपल पेड़ के पास नाग देवता को देख सभी अवाक थे. नाग देवता के इस दर्शन को भोले […]
04 बोक 01 – मंदिर में संचालन में सहयोग करने वाले श्रद्धालु04 बोक 02 – मंदिर में स्थापित शिवलिंग की पूजा-अर्चनाबोकारो के शिव मंदिर – 5प्रतिनिधि, बोकारो श्रीश्री नर्मदेश्वर शिव मंदिर सेक्टर-2 सी में वर्ष 1988 में पीपल पेड़ के पास नाग देवता को देख सभी अवाक थे. नाग देवता के इस दर्शन को भोले बाबा का रूप समझ कर स्थानीय वासियों ने इस स्थल पर शिव मंदिर बनवाने का निर्णय लिया. लोगों ने शिवलिंग इसी जगह पर स्थापित किया और पूजा अर्चना शुरू की. 12 वर्षों तक लोग खुले स्थान पर बाबा भोले नाथ की पूजा अर्चना करते रहे. शिव मंदिर निर्माण समिति की ओर से वर्ष 2002 में मंदिर का निर्माण किया गया. मंदिर के निर्माण कार्य के पश्चात राजस्थान के जयपुर से नर्मदेश्वर लिंग मंगवा कर मंदिर में भोलेनाथ की धूमधाम से प्राण प्रतिष्ठा की गयी. बनारस के आचार्य धनी शंकर तिवारी को बुलवा कर विशेष रूप से पूजा-अर्चना करवायी गयी. मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्यभार 15 सालों से नारायण पांडेय के जिम्मे है.