न्याय के लिए दर-दर भटक रही गेंदू देवी
-कोर्ट का आदेश नहीं मान रहा पतिसिंदरी. तिसरा की सुरंगा बस्ती निवासी गेंदू देवी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है. वह खाने-खाने को मुहताज है. जवान बेटी नि:शक्त है. जनवरी, 2002 में फैमिली कोर्ट ने पति सुफल राय को 500 रुपया प्रतिमाह देने का निर्देश दिया था, लेकिन आज तक फूटी कौड़ी नहीं मिली. […]
-कोर्ट का आदेश नहीं मान रहा पतिसिंदरी. तिसरा की सुरंगा बस्ती निवासी गेंदू देवी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है. वह खाने-खाने को मुहताज है. जवान बेटी नि:शक्त है. जनवरी, 2002 में फैमिली कोर्ट ने पति सुफल राय को 500 रुपया प्रतिमाह देने का निर्देश दिया था, लेकिन आज तक फूटी कौड़ी नहीं मिली. पंचायत फैसला सुनाती है, लेकिन गेंदू का पति सुन कर अनसुना कर देता है. उसकी शादी को 50 वर्ष बीत गये. पति बीसीसीएल में काम करता था. उसको चार बेटियां हुईं. एक बेटी नि:शक्त है. बेटे की चाहत में सुफल राय ने दूसरी शादी कर ली. उसे बिजली देवी से एक पुत्र हुआ. इसके बाद पति ने गेंदू को घर से निकाल दिया. वह डीसी-एसपी के पास गुहार लगा चुकी है. गेंदू के अधिवक्ता अशोक शर्मा ने बताया कि कोर्ट से अरेस्ट का आदेश निकलता है, लेकिन वह रास्ते में ही गायब हो जाता है. उपायुक्त के हस्ताक्षरयुक्त पैसा वसूली का आदेश पिछले 4-5 माह से बलियापुर सीओ के यहां पड़ा है.कोटगेंदू देवी को न्याय मिलेगा. चुनाव के कारण थोड़ी देर हो गयी. सुफल राय कह संपत्ति जब्त होगी. उपायुक्त का आदेश मिल चुका है.सागरी बराल, सीओ