कोयला घनुडीह का, ट्रांसपोर्टिग बीएनआर साइडिंग से क्यों?

धनबाद: बीसीसीएल के सीएमडी टीके लाहिड़ी जहां एक ओर कंपनी को सफलता की नयी ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनी के अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टिग के नाम पर बीसीसीएल को लाखों का चुना लगा रहे है. बास्ताकोला एरिया नौ की घनुडीह कोलियरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 9:16 AM
धनबाद: बीसीसीएल के सीएमडी टीके लाहिड़ी जहां एक ओर कंपनी को सफलता की नयी ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनी के अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टिग के नाम पर बीसीसीएल को लाखों का चुना लगा रहे है. बास्ताकोला एरिया नौ की घनुडीह कोलियरी में रेलवे साइडिंग होने के बावजूद वहां से 11 किमी दूर पीवी एरिया में पड़नेवाले बीएनआर साइडिंग से कोयला भेजा जा रहा है.

इससे कंपनी को प्रत्येक माह लगभग 18 लाख का नुकसान हो रहा है. घनुडीह से दो-तीन किमी की दूरी पर ही एरिया नाइन का सीके साइडिंग है. यहां से प्रत्येक माह आठ से दस रैक कोयला बाहर भेजा जाता है. इसके बावजूद प्रबंधन वहां से कोयला नहीं भेज 10 किमी दूर पीवी एरिया के बीएनआर साइडिंग से कोयला की ट्रांसपोर्टिग होती है.

क्या है ट्रांसपोर्टिग रेट : घनुडीह से सीके साइडिंग की दूरी लगभग तीन किमी है, जिसका ट्रांसपोर्टिग रेट 32.65 रुपये प्रति टन है. घनुडीह से बीएनआर साइडिंग की दूरी लगभग 11 किमी है, जिसका ट्रांसपोर्टिग रेट 93.25 रुपये प्रति टन है. यानी 60 रुपये प्रति टन के हिसाब से कंपनी को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
प्रतिमाह 30 हजार टन कोयला की ट्रांसपोर्टिग : घनुडीह कोलियरी से बीएनआर साइडिंग के लिए प्रतिमाह 30 हजार टन कोयला की ट्रांसपोर्टिग की जाती है. इसके एवज में लगभग 18 लाख रुपये प्रतिमाह कंपनी को अधिक खर्च करने पड़ते हैं.
सीके साइडिंग में रैक की उपलब्धता कम होना है कारण
रैक की उपलब्धता कम होने के कारण सीके साइडिंग से कोयला नहीं भेज कर पीबी एरिया के बीएनआर साइडिंग से कोयला भेजा जाता है. रैक लोडिंग में देरी होने से कंपनी को डैमरेज देना पड़ता है.
पीके दूबे, महाप्रबंधक, बास्ताकोला

Next Article

Exit mobile version