27 गांवों को फिर से पंचायत में शामिल करें : मेयर

धनबाद: 27 गांवों को निगम क्षेत्र से हटाने की मांग को देखते हुए मेयर इंदू देवी ने शनिवार को मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री एवं सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि ये गांव निगम की अर्हता भी पूरी नहीं करते, इसलिए इस पर पुनर्विचार करते हुए फिर से उसे पंचायत में शामिल करें. मेयर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 10:31 AM
धनबाद: 27 गांवों को निगम क्षेत्र से हटाने की मांग को देखते हुए मेयर इंदू देवी ने शनिवार को मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री एवं सचिव को पत्र लिख कर कहा है कि ये गांव निगम की अर्हता भी पूरी नहीं करते, इसलिए इस पर पुनर्विचार करते हुए फिर से उसे पंचायत में शामिल करें.

मेयर ने अपने पत्र में कहा है कि इन गांवों को निगम क्षेत्र में जबसे जोड़ा गया है तबसे वहां के लोग आंदोलनरत हैं. शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में इन गांवों के लोगों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. दो से तीन घंटे रोड जाम हो गया था. आम लोगों को भी इससे काफी परेशानी हुई. उन्होंने कहा कि ये गांव निगम क्षेत्र की अर्हता पूरी नहीं करते हैं, इसलिए इसे निगम क्षेत्र से हटा देना चाहिए .

किन-किन गांवों को हटाने को कहा गया है : भूतगढ़िया, सिरगीजा, कपूरगढ़ा, जीतपुर, डुमरी, जोड़ापोखर, जामाडोबा, भौंरा, मोहलबनी, नुनूडीह, नूनीकडीह, भाटडीह, पारबाद, राधाचक, परसावाद, सुदामडीह, सुतुकडीह, चंद्रावाद, चासनाला, ऊपर कांड्रा, टासरा, भूली, भेलाटांड़, सिजुआ, भदरीचक, गौरखूंटी व अन्य गांव.
वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित : वार्डो में विकास कार्य के लिए राशि देने में मुंहदेखी के खिलाफ 16 फरवरी को निगम कार्यालय के समक्ष दिया जाने वाला धरना शनिवार को मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी के साथ वार्ता के बाद एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया. वार्ता में मंच के अध्यक्ष रुस्तम अंसारी, इम्तियाज खान, जय कुमार सिंह थे. रुस्तम अंसारी ने बताया कि उनके वार्ड में बहुत ही कम राशि की योजना पास की गयी. उन्होंने जो योजनाएं दी थी, उसे हटा कर दूसरी योजनाएं लाद दी गयी. इम्तियाज खान ने बताया कि किसी वार्ड में 95 लाख की योजनाओं की मंजूरी दी गयी है तो किसी वार्ड में महज पांच लाख की. इससे विषमता बढ़ी है. चुनाव नजदीक है और अपने क्षेत्र में विकास नहीं करेंगे तो किस मुंह से जनता के पास वोट मांगने जायेंगे. प्रियरंजन ने बताया कि जनोपयोगी योजनाएं बहुत सारी हैं, उसे इस दौरान पूरी करनी है, ऐसे में भेद-भाव बरती गयी तो अपने क्षेत्र का विकास कैसे कर पायेंगे.

Next Article

Exit mobile version