राज्य सभा में सांसद संजीव के सवाल पर मंत्री का जवाब, बलियापुर में हवाईअड्डा जल्द

धनबाद: धनबाद जिले के बलियापुर में हवाई अड्डा जल्द खुलेगा. यह कहना है नागर विमामन मंत्री अशोक गजपति राजू पुसापति का. वह मंगलवार को राज्य सभा सदस्य संजीव कुमार के सवाल का जवाब दे रहे थे. सांसद ने पूछा था कि क्या सरकार ने हवाई अड्डों को घरेलू एयर टर्मिनल के रूप में विकसित किये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2015 8:06 AM
धनबाद: धनबाद जिले के बलियापुर में हवाई अड्डा जल्द खुलेगा. यह कहना है नागर विमामन मंत्री अशोक गजपति राजू पुसापति का. वह मंगलवार को राज्य सभा सदस्य संजीव कुमार के सवाल का जवाब दे रहे थे. सांसद ने पूछा था कि क्या सरकार ने हवाई अड्डों को घरेलू एयर टर्मिनल के रूप में विकसित किये जाने के लिए चिह्नित किया है और यदि हां तो झारखंड में ऐसे हवाई अड्डों की संख्या और स्थानों के नाम क्या-क्या हैं . इसी के जवाब में मंत्री ने कहा कि रांची सहित 24 हवाई अड्डों को चिह्नित किया गया है. सांसद श्री कुमार ने बताया कि जो सूची उन्हें उपलब्ध करायी गयी है उनमें धनबाद का नाम भी है.
मालूम हो कि धनबाद में लंबे समय से हवाई अड्डा की मांग उठती रही है. बरवाअड्डा में पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण उसे विकसित करने की योजना छोड़ नयी जगह बलियापुर में तलाश की गयी है. बरवाअड्डा वाले हवाई पटटी के आसपास घनी आबादी हो गयी है. आसपास काफी घर बन गये हैं जिसके कारण हवाई पट्टी का विस्तारीकरण संभव नहीं है.
पहले से जारी है प्रयास: बलियापुर स्थित हवाई अड्डा के लिए 113 एक ड़ जमीन के लिए नागर विमानन अपर मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती स्वयं निरीक्षण कर चुके हैं. उन्होंने निरीक्षण के बाद इसे उपयुक्त बताते हुए हरी झंडी भी दे दी थी. इसका ब्लू प्रिंट भी केंद्र को भेजा चुका है. सूत्रों ने बताया कि इसी महीने केंद्र और राज्य के विभागीय अधिकारियों के बीच बैठक भी होने वाली है. उसी में भेजे गये ब्लू प्रिंट पर मुहर लगने की संभावना है.
क्या होगा फायदा
हवाई अड्डा बनते ही देश के कई हिस्से से धनबाद सीधे जुड़ जायेगा. यहां इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स सहित अन्य संगठन लगातार हवाईअड्डा की मांग करते रहे हैं. कई बड़े उद्योग यहां सिर्फ इसलिए नहीं लगे क्योंकि यहां हवाई अड्डा नहीं है. यहां बीसीसीएल, आइएसएम, सिंफर जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं होने के बावजूद हवाई अड्डा नहीं होने के कारण न तो कोई बड़ा अस्पताल खुल पाया और और न ही अन्य तरह की सुविधाएं मिल पायी. यहां के लोग या बड़े अधिकारी कोलकाता जाकर हवाई जहाज पकड़ते हैं.

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