नगर निगम: मिलीभगत से होल्डिंग टैक्स की चोरी

धनबाद: धनबाद नगर निगम क्षेत्र में लगभग सवा दो लाख मकान हैं. लेकिन मात्र 40 हजार मकानों का ही होल्डिंग नंबर है. धनबाद में 35 हजार, छाताटांड़ अंचल में दो हजार व कतरास अंचल में मात्र दो सौ लोगों ने ही होल्डिंग नंबर लिया है. झरिया व कतरास में माडा होल्डिंग शुल्क वसूल करता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2015 11:07 AM
धनबाद: धनबाद नगर निगम क्षेत्र में लगभग सवा दो लाख मकान हैं. लेकिन मात्र 40 हजार मकानों का ही होल्डिंग नंबर है. धनबाद में 35 हजार, छाताटांड़ अंचल में दो हजार व कतरास अंचल में मात्र दो सौ लोगों ने ही होल्डिंग नंबर लिया है. झरिया व कतरास में माडा होल्डिंग शुल्क वसूल करता है. जानकारों का मानना है कि होल्डिंग टैक्स को लेकर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जाती है. इसमें निगम के ऊपर से लेकर नीचे तक के अफसर-कर्मी शामिल हैं.

जांच होने पर पूरे गोरखधंधे का पर्दाफाश हो सकता है. ऐसे होल्डिंग क्रियेट करवाने के बाद भी टैक्स चोरी करनेवालों की बड़ी संख्या है. निगमकर्मियों व अधिकारियों से मिलीभगत कर लोग अपने निर्माण क्षेत्र को कम बता कर टैक्स चोरी करते हैं. कई लोग ऐसे भी हैं, जो एक मंजिला मकान का टैक्स भरते हैं, जबकि उनका तीन या उससे अधिक मंजिला मकान हैं. कई लोग भूमि का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कागजात में जमीन को आवासीय दिखाया है. इसके एवज में निगम के कर्मचारियों को बंधी-बंधायी रकम दी जाती है.

नगरपालिका के समय से चल रही टैक्स की चोरी
नगरपालिका के समय से ही टैक्स की चोरी चल रही है. ऑडिट में भी टैक्स चोरी का खुलासा हो चुका है. मोटी रकम लेकर 15 साल के मकान को दो साल बता कर होल्डिंग निर्धारण का मामला पहले भी कई बार उठ चुका है. हालांकि ऑन लाइन प्रक्रिया में कुछ बंदिश लगेगी. ऐसा प्रावधान है कि पकड़े जाने पर कर्मचारी के साथ लैंड लॉर्ड पर भी कानूनी कार्रवाई होगी.
आउटसोर्स कंपनी ऋतिका को मिला है होल्डिंग का टेंडर
होल्डिंग की संख्या बढ़ाने के लिए ऋतिका इंटरप्राइजेज को इसका टेंडर दिया गया है. चार साल पहले नगर निगम क्षेत्र के मात्र 17 हजार लोगों के पास होल्डिंग नंबर था. मैथन जलापूर्ति योजना चालू होने के बाद पानी कनेक्शन के लिए होल्डिंग अनिवार्य होने के बाद इसकी संख्या लगातार बढ़ती गयी और तीस हजार तक पहुंच गयी. हालांकि तीन माह पहले आउटसोर्स कंपनी ऋतिका इंटरप्राइजेज को होल्डिंग की बागडोर सौंपी गयी. तीन माह में दस हजार नये होल्डिंग धारक बनाये गये.
नगर निगम क्षेत्र में रहनेवाले एक-एक मकान का सर्वे कराया जा रहा है. मकान मालिक से ही सेल्फ एसेसमेंट कराया जा रहा है. छह माह तक सर्वे का काम होगा. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर होल्डिंग नंबर क्रियेट किया जायेगा. इसके बाद मकान की तसवीर ली जायेगी. फिर एक-एक होल्डिंग नंबर की जांच की जायेगी. सेल्फ एसेसमेंट में अनियमितता बरती गयी है या सर्वे टीम की गलती पायी गयी, तो दोनों लोगों पर एफआइआर होगी.
संजय पांडेय, कार्यपालक पदाधिकारी, धनबाद ननि

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