बस्ताकोला : कुसुंडा क्षेत्र की बंद इंडस्ट्री कोलियरी में वर्ष 2009 के सितंबर महीने में गोफ में गैर बीसीसीएल कर्मियों के सात घर समा गये थे. घटना में किसी की जान तो नहीं गयी, लेकिन लाखों रुपये का सामान बरबाद हो गया था. घटना के बाद इंडस्ट्री कोलियरी के अस्पताल में सभी प्रभावितों को अस्थायी रूप से बसाया गया था. अमृत सिंह का घर पहले तेज आवाज के साथ नीचे बैठा, उसके बाद अन्य घर अंदर चले गये.
बाउरी बस्ती में बनी दरार में एक साल पूर्व निशा कुमारी (10) भी गिर गयी थी, जिससे वह भी भूमिगत आग से झुलस गयी. उस वक्त भी बस्ती के लोगों ने राजापुर परियोजना से होने वाली ट्रांसपोर्टिग ठप कर दी थी. लोदना क्षेत्र की कुजामा कोलियरी स्थित लाला पट्टी में चार साल पूर्व अशोक श्रीवास्तव की भगीनी नीलम कुमारी (17) शौच के दौरान गोफ में समा गया थी. झुलसने के बाद उसे बोकारो जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. इससे पूर्व भालगढ़ा धसका पट्टी में 1995 में एक रिक्शा वाले की पुत्री गीता कुमारी जमींदोज हो गयी थी. शिमलाबाहल में भी एक लड़की जमींदोज हुई थी. बोकापहाड़ी में आये दिन गोफ व दरार बनने की घटना होती रहती है.
अग्नि प्रभावित क्षेत्र में हादसा प्रबंधन की जिम्मेवारी है. जेआरडीए अप्रैल माह के अंत तक सात सौ आवास बनायेगा. उससे पूर्व कोई आवास उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है.
गोपाल जी, आरएंडआर, जेआरडीए
प्रबंधन द्वारा पुनर्वास के लिए कदम उठाया जा रहा है. पीड़ित परिवार को मानवीय रूप से सहायता की जायेगी.
विंध्याचल सिंह, पीओ, राजापुर