खुलेआम बिक रहा मौत का सामान

धनबाद: गैस रिफिलिंग का धंधा शहर में खुलेआम हो रहा है. कीमत थोड़ी अधिक लगती है, लेकिन गैस मिलने की सौ फीसदी गारंटी है. आइएसएम मोड़, हीरापुर हटिया, पुलिस लाइन, पुराना बाजार, मनईटांड़, भूली, जोड़ाफाटक रोड, बरमसिया आदि इलाकों में रोड के किनारे यह धंधा खूब फल-फूल रहा है. ऐसी बात नहीं कि जिला प्रशासन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2013 8:38 AM

धनबाद: गैस रिफिलिंग का धंधा शहर में खुलेआम हो रहा है. कीमत थोड़ी अधिक लगती है, लेकिन गैस मिलने की सौ फीसदी गारंटी है. आइएसएम मोड़, हीरापुर हटिया, पुलिस लाइन, पुराना बाजार, मनईटांड़, भूली, जोड़ाफाटक रोड, बरमसिया आदि इलाकों में रोड के किनारे यह धंधा खूब फल-फूल रहा है. ऐसी बात नहीं कि जिला प्रशासन के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है. हां, खानापूर्ति के नाम पर साल, दो साल में छापामारी कर अधिकारी अपना कोरम पूरा जरूर कर लेते हैं. कालाबाजारी के इस खेल में गैस एजेंसियां भी संलिप्त है. गैस एजेंसियों के पास सैकड़ों फर्जी नाम के एकाउंट्स होते हैं. उस एकाउंट होल्डर के नाम पर गैस आपूर्ति कर कालाबाजारियों को थोड़ी अधिक कीमत पर बेच दिया जाता है. कालाबाजार में यह गैस अस्सी रुपये किलो मिलती है.

एक सप्ताह पहले हीरापुर में घट चुकी है घटना : एक सप्ताह पहले हीरापुर में गैस रिफिलिंग के दौरान घटना घट चुकी है. लेकिन कारोबारी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. इस धंधा में कई सफेदपोश भी शामिल हैं.

उपभोक्ता भी करते हैं कालाबाजारी : गैस एजेंसियां ऊंची कीमत पर कालाबाजार में गैस तो बेचती ही है. उपभोक्ता भी गैस बेचने में पीछे नहीं है. बीसीसीएल कर्मचारी इसमें सबसे आगे हैं. बीसीसीएल की ओर से प्रत्येक कर्मचारी को गैस मिलती है. लेकिन वे गैस का इस्तेमाल नहीं कर कोयला से काम चला लेते हैं और गैस को कालाबाजार में बेच देते हैं. भूली में यह घंधा जोरों पर चलता है. सब्सिडी गैस की कीमत 438 रुपया और बिना सब्सिडी वाली गैस की कीमत 963 रुपया प्रति सिलिंडर है.

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