1600 केस, 3200 वारंट व 1000 कुर्की पेंडिंग

धनबाद: जिले के ओपी-थानों में 1602 केस, 3201 वारंट व 1048 कुर्की-जब्ती के मामले लंबित हैं. इसका मुख्य कारण अनुसंधानकर्ताओं की शिथिलता है. हाल की क्राइम मीटिंग में समीक्षा के दौरान एसपी ने इतने मामले लटकाये रखे जाने पर नाराजगी जतायी. डीएसपी व इंस्पेक्टर को अपने-अपने क्षेत्र के ओपी व थानों में लंबित कांडों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2013 9:14 AM

धनबाद: जिले के ओपी-थानों में 1602 केस, 3201 वारंट व 1048 कुर्की-जब्ती के मामले लंबित हैं. इसका मुख्य कारण अनुसंधानकर्ताओं की शिथिलता है. हाल की क्राइम मीटिंग में समीक्षा के दौरान एसपी ने इतने मामले लटकाये रखे जाने पर नाराजगी जतायी. डीएसपी व इंस्पेक्टर को अपने-अपने क्षेत्र के ओपी व थानों में लंबित कांडों की समीक्षा कर निष्पादन कराने की दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जिले में प्रतिमाह साढ़े तीन सौ केस दर्ज होते हैं. कोर्ट से आठ सौ वारंट व दो सौ कुर्की निर्गत होते हैं.

हालांकि रिकार्ड के अनुसार हाल के दिनों में वारंट-कुर्की के निष्पादन में तेजी आयी है. प्रतिमाह दर्ज होने वाले साढ़े तीन सौ केस की तुलना में लगभग चार सौ केस डिस्पोजल का लक्ष्य रहता है. लेकिन थाना स्तर पर अनुसंधानकर्ताओं द्वारा शिथिलता बरते जाने के कारण रिपोर्टिग के बराबर भी केस डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है. धनबाद व झरिया थाना में ज्यादा पुराना केस लंबित हैं. धनबाद थाना में तो दारोगा स्तर के पदाधिकारी भी लंबित कांडों के अनुसंधान में शिथिलता बरत रहे हैं. डीएसपी व इंस्पेक्टरों की समीक्षा रिपोर्ट के बाद लापरवाह अनुसंधानकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है.

इस बीच डीएसपी अमित कुमार, राज कुमार सिन्हा व अंबर लकड़ा ने धनबाद में अपने-अपने ऑफिस में अनुसंधानकर्ताओं के साथ बैठक की. डीएसपी विनोद कुमार गुप्ता ने बाधमारा अनुमंडल के थानों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. अनुसंधानकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि प्रतिमाह दर्ज होने वाले केस से अधिक डिस्पोजल किये जायें. कोर्ट में केस डायरी व डिस्पोजल कांडों का अंतिम प्रपत्र समय पर भेजा जाय.

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