जुलूस में शामिल लोग जमीन व मुआवजा घोटाले की सीबीआइ जांच तथा दोषी अधिकारी, कर्मी व बिचौलियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. वक्ताओं ने कहा कि रिंग रोड के जमीन अधिग्रहण व मुआवजा भुगतान में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है. अधिकारियों की मिलीभगत से असली जमीन मालिक की राशि बिचौलियों ने हड़प ली है. फर्जी डीड बनाकर जमीन अधिग्रहण का मुआवजा ले लिया गया है. डेढ़ वर्ष से मामले की सरकारी जांच चल रही है.
जांच के नाम पर समय टाला जा रहा है और दोषी खुलेआम घूम रहे हैं. घोटाले में बड़े अधिकारी व सफेदपोश शामिल हैं, ऐसे में प्रशासनिक जांच से कोई फायदा नहीं है. सीबीआइ जांच से ही दूध का दूध व पानी का पानी होगा. जुलूस में झारखंड विस्थापित संघर्ष मोरचा के संरक्षक रमेश कुमार राही, अध्यक्ष बीरेंद्र हांसदा, जिप सदस्य रायमुनी देवी, कन्हैया पांडे, रसिक मुमरू, गिरिश मुमरू, सूरजमनी. विश्वनाथ, दीपक साव, जलेश्वर महतो समेत दहुहटांड़, मनइटांड़, तिलाटांड़, आइएसएम के विस्थापित शामिल थे.