माडा के विलय की प्रक्रिया शीघ्र
धनबाद: खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) का नगर निकायों में विलय के लिए उसकी परिसंपत्तियों का आकलन सरकार अपने स्तर से करायेगी. साथ ही उसके तमाम कर्मियों की सूची की पुन : जांच करके विलय प्रक्रिया शुरू होगी. यह निर्णय रांची में डिविजनल कमिश्नर व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव की अगुवाई में शुक्रवार […]
धनबाद: खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) का नगर निकायों में विलय के लिए उसकी परिसंपत्तियों का आकलन सरकार अपने स्तर से करायेगी. साथ ही उसके तमाम कर्मियों की सूची की पुन : जांच करके विलय प्रक्रिया शुरू होगी. यह निर्णय रांची में डिविजनल कमिश्नर व नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव की अगुवाई में शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया. बैठक में धनबाद के उपायुक्त, माडा एमडी भी मौजूद थे.
यह जानकारी माडा एमडी एसएन उपाध्याय ने दी है. निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि माडा के जामाडोबा स्थित जल संयंत्र का जीर्णोद्धार किया जायेगा. मरम्मत के अभाव में उक्त प्लांट की क्षमता का उपयोग नहीं हो पा रहा है. विलय के बाद भी उक्त प्लांट का उपयोग होना है, इसलिए इसके जीर्णोद्धार पर जोर दिया गया. जीर्णोद्धार के लिए राज्य स्तर पर कंसल्टेंट बहाल होगा. बैठक में कर्मियों के पावना भुगतान पर भी चर्चा हुई.
इस बाबत माडा को पावना से संबंधित सूची 25 सितंबर तक देने को कहा गया है. बैठक में माडा की ओर से कोर्ट में लंबित बाजार फीस व लैंड लीज टैक्स के मामले में एमडी ने कहा कि माडा की आर्थिक स्थिति केस लड़ने लायक नहीं है. जबकि इस केस में माडा की साढ़े पांच सौ करोड़ से अधिक की राशि फंसी हुई है. यह तय हुआ कि उक्त केस सरकार लड़ेगी. उम्मीद जतायी गयी कि नवंबर तक सरकार माडा कर्मियों बकाये वेतन का भुगतान कर देगी.