घर में ही जान जोखिम में

धनबाद: इलाका : पुराना स्टेशन रेलवे कॉलोनी. क्वार्टरों की संख्या : 500. आबादी : 2500. आजादी के पहले धनबाद रेलवे स्टेशन इसी रेलवे कॉलोनी के सामने था. आज यहां कोचिंग कंप्लेक्स व रेलवे यार्ड है. क्वार्टर भी अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. आज यह खंडहर जैसा हो गया है. वर्षों से क्वार्टरों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2013 5:34 AM

धनबाद: इलाका : पुराना स्टेशन रेलवे कॉलोनी. क्वार्टरों की संख्या : 500. आबादी : 2500. आजादी के पहले धनबाद रेलवे स्टेशन इसी रेलवे कॉलोनी के सामने था. आज यहां कोचिंग कंप्लेक्स व रेलवे यार्ड है. क्वार्टर भी अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. आज यह खंडहर जैसा हो गया है. वर्षों से क्वार्टरों का मेंटेनेंस नहीं हुआ है. खिड़की व दरवाजा टूटा हुआ है. बरसात के महीने में छत से पानी टपकता है. दीवारों में दरार है. बरामदे का करकट टूट गया है. दीवारों में दरार की वजह से बरसात में कभी-कभी घरों में करंट आ जाता है. सेप्टिक टैंक कई जगह टूटी हुई है. सड़क बनने के बाद दोबारा मरम्मत नहीं हुई है. नाली में कभी सफाई नहीं होती है. लोग स्वयं पैसा देकर नालियों की सफाई कराते हैं. कचरा उठाने वाला भी नहीं आता है. बिजली की हालत यह है कि 24 घंटे में आठ से दस घंटे ही रहती है. पोल में बल्ब नहीं है. रात में आने-जाने में काफी परेशानी होती है. रास्ता सही नहीं होने से कई लोग गिर भी जाते हैं. एक-दो रेलकर्मी क्वार्टर छोड़ कर चले गये हैं. रेलवे अधिकारियों ने आज तक कभी इस कॉलोनी में आकर कर्मियों का सुध नहीं ली है.

जांच कर करायेंगे मरम्मत : एडीआरएम

एडीआरएम एचके रघु ने कहा कि पुराना स्टेशन रेलवे कॉलोनी में जितने क्वार्टर हैं, उनकी जांच करायी जायेगी. जर्जर क्वार्टरों की मरम्मत होगी. नया दरवाजा व खिड़कियां भी लगेगी. रेलकर्मी परिवार को दिक्कत नहीं होने देंगे.

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