अगर जरूरत हुई तो यह अवधि और बढ़ायी जायेगी. बता दें कि इस स्कूल में नर्सरी सहित क्लास पांच तक के स्टूडेंट्स के लिए जो नया ड्रेस कोड लागू किया गया है, वह बाजार में उपलब्ध नहीं है.
वहां भी मांग को देखते हुए ड्रेस कम पड़ गयी है. कई दुकानों में कपड़ा तो मिल रहा है, लेकिन ड्रेस सिलाने के लिए लंबी लाइन है. ड्रेस सिलाई का काम करने वाले कुछ गिने-चुने टेलर मास्टरों ने और ऑर्डर लेना बंद कर दिया है. इधर, बच्चे कहते हैं कि नया ड्रेस पहन कर नहीं जाने पर स्कूल में प्रवेश करने नहीं दिया जायेगा. ड्रेस नहीं मिलने से अभिभावक परेशान हैं.