जिले के 51 चेंबरों ने मनाया काला दिवस

व्यवस्था के खिलाफ है आंदोलन : जिला चेंबर धनबाद : पुराना बाजार चेंबर अध्यक्ष अजय नारायण लाल के साथ जिला परिषद के कर्मचारी द्वारा कथित रूप से मारपीट व र्दुव्‍यवहार के खिलाफ जिले के 51 चेंबरों ने बुधवार को काला दिवस मनाया. चेंबर के पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध प्रदर्शन किया. जिला चेंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2015 8:20 AM
व्यवस्था के खिलाफ है आंदोलन : जिला चेंबर
धनबाद : पुराना बाजार चेंबर अध्यक्ष अजय नारायण लाल के साथ जिला परिषद के कर्मचारी द्वारा कथित रूप से मारपीट व र्दुव्‍यवहार के खिलाफ जिले के 51 चेंबरों ने बुधवार को काला दिवस मनाया. चेंबर के पदाधिकारियों ने काला बिल्ला लगा कर विरोध प्रदर्शन किया. जिला चेंबर महासचिव राजेश गुप्ता ने कहा कि यह आंदोलन व्यवस्था के खिलाफ है न कि किसी व्यक्ति विशेष के.
चेंबर के पदाधिकारी के साथ जब र्दुव्‍यवहार किया जाता है तो आम लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा. जब तक जिला परिषद् कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं होती है, आंदोलन जारी रहेगा. बैंक मोड़ चेंबर के अध्यक्ष सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि जिला परिषद् के कर्मचारी ने जो काम किया है, काफी शर्मनाक है. इस पर उन्हें तत्काल सार्वजनिक रुप से माफी मांगनी चाहिए. उसकी कुरसी भी बदलनी चाहिए. जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों के समक्ष मांग रख दी गयी है. लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुआ है. प्रशासनिक उदासीनता के कारण चेंबर चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य हुआ है. पुराना बाजार चेंबर अध्यक्ष अजय नारायण लाल एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं.
यह चेंबर के अस्तित्व का भी मामला है. किसी भी हालत पर कर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा. भूली चेंबर अध्यक्ष ललन मिश्र ने घटना की तीव्र निंदा करते हुए जिला परिषद् कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग की है. बैंक मोड़ में प्रदर्शन के दौरान संरक्षक चेतन गोयनका, सचिव प्रभात सुरोलिया, कोषाध्यक्ष एसके चक्रवर्ती, प्रवक्ता प्रमोद गोयल, सुदर्शन जोशी सहित काफी संख्या में व्यवसायी शामिल थे.
आज कैंडल मार्च
सभी चेंबर अपने-अपने क्षेत्र में निकालेंगे कैंडल मार्च.
मोहन गोप
धनबाद : बंध्याकरण के बाद भी गर्भ ठहर जाने से अनुग्रह नगर (धनसार) निवासी पप्पू महतो की पत्नी गौरी देवी परेशान है. वह चिकित्सा अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट रही है. उसका कहना है कि उसके साथ धोखा हुआ है. वह और बच्चे पालने की स्थिति में नहीं है. इसलिए उसे मुआवजा चाहिए. लेकिन उसकी कोई सुन नहीं रहा. गौरी देवी के अनुसार उसने चासनाला स्वास्थ्य केंद्र में 14 फरवरी 2013 को शिविर में बंध्याकरण करवाया था. लेकिन इसके बाद वह गर्भवती हो गयी. चार माह के बाद वह संबंधित सहिया रीता देवी के साथ ऑपरेशन करने वाली चिकित्सक डॉ रेखा कुमारी से मिली. लेकिन उसे बैरंग लौटा दिया गया. गौरी बताती हैं कि सहिया व डॉ रेखा दोनों ने मेरे बंध्याकरण के सर्टिफिकेट को अपने पास रख लिया है. गर्भवती होने के बावजूद वह तीन माह से ऑफिस-ऑफिस का चक्कर लगा रही है.
पहले ही दो बच्चे, रोजगार का साधन नहीं : पीड़िता के पति पप्पू एक पेट्रोल पंप में काम करते हैं. मामूली वेतन उन्हें मिलता है. दोनों की लगभग एक चार साल की बेटी व एक तीन साल का बेटा है. इसके बाद पति-पत्नी ने परिवार नियोजन कराने की सोची. चांदमारी टू के आंगनबाड़ी सहिया उसे चासनाला ले गयी. वहां बंध्याकरण कराया. लाभुक के तौर पर सरकारी राशि छह सौ गौरी को दी गयी. अब फिर से गर्भवती होने से पति-पत्नी परेशान हैं. फिलहाल पीड़िता आठ माह की गर्भवती है.

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