रिश्वतखोर पीएफ क्लर्क को तीन साल की कैद
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत ने मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोपी शिमला बहाल कोलियरी के पीएफ क्लर्क ओम प्रकाश प्रसाद को दोषी करार देते हुए पीसी एक्ट की धारा 7-13 (2) सहपठित 13(1) डी में तीन वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की […]
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा की अदालत ने मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में आरोपी शिमला बहाल कोलियरी के पीएफ क्लर्क ओम प्रकाश प्रसाद को दोषी करार देते हुए पीसी एक्ट की धारा 7-13 (2) सहपठित 13(1) डी में तीन वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अदालत ने बाद में सजायाप्ता को अंशकालिक जमानत दे दी.
अभियोजन की ओर से सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक अशोक गौतम ने 10 गवाहों का परीक्षण कराया. बचाव पक्ष की ओर से विनय कुमार ने गवाह का प्रतिपरीक्षण किया था. आरोपी क्लर्क को सीबीआइ ने पांच हजार रुपये लेते 27 जनवरी 2010 को पकड़ा था.
अलकतरा घोटाला में ठेकेदार को बेल नहीं : अलकतरा घोटाला के आरोपी पथ प्रमंडल विभाग देवघर के ठेकेदार प्रमोद कुमार सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को एडीजे सप्तम एनके सिन्हा की अदालत में हुई. अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. अभियोजन की ओर से विशेष अभियोजक एसी कुमार ने जमानत का विरोध किया. बचाव पक्ष से मनोज सिन्हा ने बहस की. वर्ष 2004-06 में 9.5 लाख का घोटाला हुआ था.