रिंग रोड जमीन अधिग्रहण में मुआवजा घोटाला

धनबाद : ‘‘जमीन भी गयी और पैसे भी नहीं मिले. मुआवजा के रूप में मिली राशि में से बड़ा हिस्सा बिचौलिये हड़प गये. आदिवासियों के साथ बहुत ही बुरा हुआ है.’’ यह मानना है यह कहना है राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के सहायक निदेशक आरके दूबे का. रिंग रोड के लिए आदिवासियों की भूमि अधिग्रहण के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 9:02 AM
धनबाद : ‘‘जमीन भी गयी और पैसे भी नहीं मिले. मुआवजा के रूप में मिली राशि में से बड़ा हिस्सा बिचौलिये हड़प गये. आदिवासियों के साथ बहुत ही बुरा हुआ है.’’ यह मानना है यह कहना है राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के सहायक निदेशक आरके दूबे का.
रिंग रोड के लिए आदिवासियों की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा भुगतान में हुए घोटाला की जांच को लेकर मंगलवार को आयोग की दो सदस्यीय टीम धनबाद पहुंची. टीम का नेतृत्व सहायक निदेशक श्री दूबे कर रहे थे. उनके साथ एसआर टीरई भी थे.
10 पीड़ित परिवारों का बयान कलमबद्ध : टीम ने धनबाद जिले के दुहाटांड़ का दौरा किया, जहां के आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण हुआ है. जांच के दौरान टीम के सदस्यों ने 10 पीड़ित परिवार के लोगों का बयान कलमबद्ध किया. जांच के दौरान टीम के साथ धनबाद जिला भू-अजर्न पदाधिकारी भी मौजूद थे.
टीम के सदस्य बुधवार तक धनबाद में रह कर इस घोटाला की जांच करेंगे.
मई के दूसरे सप्ताह तक जांच रिपोर्ट : इस संबंध में प्रभात खबर की ओर से पूछे जाने पर आयोग के सहायक श्री दूबे ने बताया कि आयोग के चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव के निर्देश पर वेलोग इस मामले की जांच करने यहां आये हैं. इस संबंध में धनबाद के सहायक आयुक्त से पूरी जानकारी मांगी गयी है. जांच रिपोर्ट मई के दूसरे सप्ताह से पूर्व मुख्यालय को भेज दी जायेगी. मुख्यालय ही इस पर अंतिम फैसला लेगी.
घोटाला उच्चस्तरीय : श्री दूबे ने बताया कि अभी तक की जांच में जो तथ्य सामने आये हैं, उसे यह साफ पता चल रहा है कि आदिवासियों के साथ गलत हुआ है. हमारी कोशिश होगी कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिले. श्री दुबे ने कहा कि यह घोटाला उच्चस्तरीय है. इस पर अंतिम फैसला मुख्यालय के उच्च अधिकारी को लेना है.
दर्ज होगी प्राथमिकी
टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग राज्य सरकार से जवाब मांगेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस घोटाला में जिला प्रशासन द्वारा जो मामले दर्ज कराये गये हैं, वे प्रभावी नहीं हैं. इसलिए जांच पूरी होने के बाद आयोग इस पर पुन: मामला दर्ज करायेगा. मालूम हो घोटाला में जिला प्रशासन द्वारा दो मामला दर्ज कराया गया है.

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