कसें आउटसोर्सिंग कंपनियों पर नकेल

धनबाद: नयी दिल्ली में गुरुवार को कोयला संसदीय समिति की बैठक में आउटसोर्सिंग कंपनियों पर नकेल कसने की मांग उठी. समिति के सदस्यों ने एक स्वर में कहा : सरकार इसके लिए कड़े कानून बनाये. आउटसोर्सिंग कंपनियां खुले आम कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं. उनका ध्यान न तो मजदूरों के कल्याण पर है न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2013 6:45 AM

धनबाद: नयी दिल्ली में गुरुवार को कोयला संसदीय समिति की बैठक में आउटसोर्सिंग कंपनियों पर नकेल कसने की मांग उठी. समिति के सदस्यों ने एक स्वर में कहा : सरकार इसके लिए कड़े कानून बनाये. आउटसोर्सिंग कंपनियां खुले आम कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं. उनका ध्यान न तो मजदूरों के कल्याण पर है न ही उनकी फिक्र है. समिति ने कोल कंपनियों की ओर से सीएसआर गतिविधियों में भी इजाफे की मांग की.

कोयला उत्पादन में 11 फीसदी छलांग : तमाम बाधा के बावजूद अगस्त में कोयला उत्पादन में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. कोल इंडिया ने इस माह 31.67 मिलियन टन उत्पादन किया है. यह जानकारी गुरुवार को कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में दी. बैठक में सांसद पीएन सिंह, रवींद्र पांडेय, यशवंत सिन्हा, राज्यसभा सांसद संजीव कुमार ने हिस्सा लिया.

भंडार 299 बिलियन टन पर पहुंचा

कोयला मंत्री ने बताया- कोल एक्सप्लोरेशन पर फोकस किया गया है. कई एजेंसियों की सेवाएं ली जा रही है. भंडार 229 बिलियन टन पर पहुंच गया है. सरकार ज्यादा से ज्यादा कोयला क्षेत्रों की तलाश कर रही है. जिससे कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी. एमएमडीआर एक्ट में भी संशोधन की तैयारी है. इसके तहत कोल ब्लॉक का आवंटन बिडिंग के जरिये किया जायेगा. क्षेत्रीय कोल ब्लॉक का आवंटन सरकारी कंपनियों को किये जाने पर जोर दिया जा रहा है. पहले से पूर्ण रूप से जिन कोल ब्लॉक में खनन हो रहा है उन्हें ही निजी क्षेत्रों को सौंपा जायेगा. इसके लिए सीएमपीडीआइएल को जिम्मा सौंपा गया है. सीएमपीडीआइएल यह काम विभागीय स्रोतों व आउटसोर्सिंग एजेंसियों के जरिये करेंगी.

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