पांच साल में बैठने की जगह तक नहीं बना पाये पार्षद
धनबाद: नगर निगम चुनाव की सरगरमी तेज हो गयी है. नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही पार्षद के दावेदार चुनावी तैयारियों में जुट गये हैं. इस बार भी 55 पार्षद चुन कर आयेंगे. लेकिन पार्षदों का दुर्भाग्य कहें कि उन्हें निगम में बैठने तक की जगह नहीं है. पांच साल तक पार्षद कभी इस टेबल तो […]
धनबाद: नगर निगम चुनाव की सरगरमी तेज हो गयी है. नामांकन प्रक्रिया शुरू होते ही पार्षद के दावेदार चुनावी तैयारियों में जुट गये हैं. इस बार भी 55 पार्षद चुन कर आयेंगे. लेकिन पार्षदों का दुर्भाग्य कहें कि उन्हें निगम में बैठने तक की जगह नहीं है. पांच साल तक पार्षद कभी इस टेबल तो कभी उस टेबल घूमते रहे.
ऐसी बात नहीं कि पार्षदों के बैठने के लिए कोई योजना नहीं बनी. नगर निगम बोर्ड की बैठक में मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का बजट भी पास हुआ. हीरापुर में जगह भी चयनित हुआ. चार करोड़ का बजट पास हुआ. लेकिन जमीन को लेकर आपसी खींचतान में एक साल गुजर गया. पिछले साल नगर निगम धनबाद मुख्यालय में ही मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया गया. लेकिन निगम की उदासीनता के कारण कार्यालय की दिशा में कोई पहल नहीं हुई. डीपीआर तक ही मामला सिमट कर रह गया.
क्या है प्रस्ताव
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए नगर निगम बोर्ड में चार करोड़ का बजट पास हुआ. 99 रूम, सभागार, पार्षदों के बैठने की जगह व पार्किग आदि बनाने का प्रस्ताव है. नगर विकास से चार करोड़ की राशि भी आवंटित हो चुकी है. आइबी ग्लोबल को डीपीआर बनाने का टेंडर मिला. आइबी ग्लोबल को डीपीआर बनाने में एक साल लग गया. आइबी ग्लोबल ने जो डीपीआर निगम को दिया है, उसमें सात करोड़ का बजट दिखाया गया है. यही नहीं डीपीआर में बिल्डिंग तोड़ने का प्राक्कलन भी नहीं है. बजट अधिक होने के कारण मामला फिर खटाई में चला गया.
क्या नये पार्षदों को मिलेगी बैठने की जगह?
बोर्ड का गठन 2010 में हुआ. पांच साल तक पार्षद टपला खाते रहे. क्या इस साल पार्षदों को निगम में बैठने के लिए सीट मिलेगी. मेयर व डिप्टी मेयर के लिए चेंबर है. लेकिन पार्षदों के लिए निगम में कोई जगह नहीं है. नयी बोर्ड में भी यह मामला जोर शोर से उठेगा.