जैसे डाले जले पर नमक

धनबाद: सरकारी कागजों में 500 बेड वाले पीएमसीएच की हकीकत सजर्री व ऑर्थो वार्ड बयां रहे हैं. पीएमसीएच में बर्न मरीजों के लिए अलग से यूनिट नहीं है. जो भी जले मरीज आते हैं, उन्हें सजर्री विभाग में भरती किया जा रहा है. ऐसे में सजर्री व बर्न मरीजों को एक साथ रखा जा रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2013 9:24 AM

धनबाद: सरकारी कागजों में 500 बेड वाले पीएमसीएच की हकीकत सजर्री व ऑर्थो वार्ड बयां रहे हैं. पीएमसीएच में बर्न मरीजों के लिए अलग से यूनिट नहीं है. जो भी जले मरीज आते हैं, उन्हें सजर्री विभाग में भरती किया जा रहा है. ऐसे में सजर्री व बर्न मरीजों को एक साथ रखा जा रहा है. दूसरी ओर सजर्री वार्ड में कई मरीज लंबे समय से भरती हैं, लेकिन उनका ऑपरेशन नहीं हो रहा है.

बर्न मरीजों की जान सांसत में : पीएमसीएच में बर्न मरीजों की जान सांसत में है. उन्हें सजर्री के मरीजों के साथ रख दिया जाता है. बर्न मरीजों के लिए पूर्णत: एसी वार्ड चाहिए. इसके लिए मच्छरदानी भी जरूरी है, वरना इंफेक्शन का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है, लेकिन इस ओर पीएमसीएच प्रबंधन व विभाग ध्यान नहीं है.

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