एनसीएल : चीफ मैनेजर की जमानत पर फैसला 15 को

धनबाद: बीसीसीएल के कुस्तौर क्षेत्र में करोड़ों रुपये के कोयला ओवर रिपोर्टिग मामले में जेल में बंद एनसीएल के चीफ मैनेजर माइनिंग (प्रोडक्शन) शैलेंद्र कुमार सिंह की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके राय की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक लवकुश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2015 8:40 AM

धनबाद: बीसीसीएल के कुस्तौर क्षेत्र में करोड़ों रुपये के कोयला ओवर रिपोर्टिग मामले में जेल में बंद एनसीएल के चीफ मैनेजर माइनिंग (प्रोडक्शन) शैलेंद्र कुमार सिंह की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके राय की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक लवकुश कुमार ने अपनी बहस पूरी की. अदालत ने जमानत पर आदेश की अगली तिथि 15 मई मुकर्र कर दी.

आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका को झारखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व में ही खारिज कर दी थी. तदुपरांत आरोपित ने 8 मई को अदालत में सरेंडर कर जमानत अर्जी दायर की थी. अदालत ने बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपित को जेल भेज दिया.

क्या है मामला : जीएम एसपी सिंह, पीओ शैलेंद्र कुमार सिंह व मैनेजर सुनील कुमार पाठक जब कुस्तौर क्षेत्र में पदस्थापित थे , उस वक्त उन लोगों ने आरओसीपी में एक साजिश के तहत कोयला की ओवर रिपोर्टिग कर कंपनी को 54 करोड़ 10 लाख 20 हजार 556 रुपये का चूना लगाया था. सीबीआइ ने 29 सितंबर 11 को छापेमारी कर मामले का खुलासा किया था.
रुंगटा प्रोजेक्ट के डायरेक्टर को मिली जमानत
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर सोमवार को रुंगटा प्रोजेक्ट लि रांची के डायरेक्टर आरोपित रामस्वरुप रुंगटा ने सीबीआइ की अदालत में सरेंडर कर जमानत अर्जी दायर की. अदालत ने उभय पक्षों की बात सुनने के बाद उन्हें 25 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी.
क्या है मामला : सीसीएल के पीपरवार ओसीपी में ओवर वर्डेन हटाने का 1403.93 लाख रुपये का ठेका रुंगटा प्रोजेक्ट को मिला था. यह कार्य वर्ष 2006 से लेकर 09 के बीच करना था. ठेका कार्य संपन्न होने के बाद सीसीएल के अधिकारी व ठेकेदार ने मिलीभगत कर सर्विस टैक्स के मद में गलत ढंग से 163.94 लाख सीसीएल से निकासी कर कंपनी को नुकसान पहुंचाया था. यह मामला आरसी केस नंबर 4/12 से संबंधित है.
फर्जीवाड़ा में रिटायर्ड सेक्रेटरी ने दी गवाही
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अरुण कुमार राय ने सोमवार को फर्जीवाड़ा मामले की सुनवाई की. अदालत में साक्षी रिटायर्ड सेक्रेटरी इंडिया पोस्ट ज्योत्स्ना डीस ने गवाही दी. उन्होंने बताया कि जब वह एनपीसीसी के चीफ विजिलेंस अफसर के पद पर कार्यरत थीं, तब 28 अप्रैल 93 को सीबीआइ को लिखित शिकायत की थी. उन्होंने घटना की पुष्टि की. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक कुंदन सिन्हा ने साक्षी का परीक्षण कराया. विदित हो कि सीबीआइ ने लिखित शिकायत पर 8 सितंबर 93 को बोकारो थर्मल के वरीय सुपरीटेंडिग इंजीनियर बीके डे, एकाउंट ऑफिसर एससी प्रसाद व एनआर सिन्हा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. केस के आइओ सीबीआइ इंस्पेक्टर एमके शर्मा ने आरोप पत्र दाखिल किया.

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