पॉलिटेक्निक की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार की कवायद

धनबाद. डिप्लोमा अभियंत्रण की पढ़ाई को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य की लचर सरकारी पॉलिटेक्निक की हालत सुधारने की कवायद सरकार ने शुरू की है. सबसे बड़ी बाधा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य के तमाम सरकारी पॉलिटेक्निक से उनकी मौजूदा संसाधन व शिक्षक -शिक्षकेतर की रिक्तियों पर मांगी गयी रिपोर्ट लगभग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2015 8:27 AM
धनबाद. डिप्लोमा अभियंत्रण की पढ़ाई को सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य की लचर सरकारी पॉलिटेक्निक की हालत सुधारने की कवायद सरकार ने शुरू की है. सबसे बड़ी बाधा शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य के तमाम सरकारी पॉलिटेक्निक से उनकी मौजूदा संसाधन व शिक्षक -शिक्षकेतर की रिक्तियों पर मांगी गयी रिपोर्ट लगभग तमाम संस्थानों ने भेज दी गयी है. जिला के तीनों सरकारी पॉलिटेक्निक धनबाद, निरसा व भागा की रिपोर्ट चली गयी है. एआइसीटीइ के अनुसार पॉलिटेक्निक कॉलेज में शिक्षक : स्टूडेंट्स अनुपात 1 : 15 का होना चाहिए.
यह भी है परेशानी : संस्थानों को संचालन पीटीएल के भरोसे चल रहा है. पीटीएल को प्रति क्लास 250 रुपये सरकार की निर्धारित दर है. यह राशि इतनी कम है कि अर्हता के अनुरूप इतने कम दर में एक तो संतोषजनक पीटीएल नहीं मिलते या फिर मिलते है तो वह टिकाऊ नहीं होते. उन्हें जैसे हीं नियोजन के लिए दूसरा मार्ग दिखता है वह बीच में संस्थान छोड़ कर चले जाते हैं. बीच में बिना कोरम पूरा किये चूंकि पीटीएल नहीं लिया जा सकता इसलिए क्लास सफर करता रहता है.
क्लास में होगी आधुनिक प्रक्रिया बहाल : संस्थानों की स्थिति सुधार के लिए स्मार्ट क्लास व कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था बहाल करना भी पाइप लाइन में है. स्मार्ट क्लास के लिए कई संस्थानों संसाधन की व्यवस्था भी हो चुकी है. इसके लागू होने से राज्य के किसी संस्थान में बहाल फैकल्टी का लाभ राज्य के दूसरे संस्थान भी उठा सकेंगे. हाल में इसके लिए कुछ संस्थानों में ट्रेनिंग भी करायी गयी थी.

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