धनबाद: अब आइएसएम टू आइआइटी की गेंद आइआइटी काउंसिल के पाले में डाल दी गयी है. इस पर फैसला अब 16 सितंबर को होगा. इस दिन आइआइटी काउंसिल की बैठक नयी दिल्ली में होनी है.
गुरुवार को चेन्नई में अशोक मिश्र कमेटी के समक्ष आइएसएम के निदेशक प्रो. डीसी पाणिग्रही ने प्रजेंटेशन के जरिये बताया कि क्यों आइएसएम को आइआइटी का दर्जा दिया जाये.
केंद्र सरकार ने किया है मिश्र कमेटी का गठन : केंद्र सरकार की ओर से आइएसएम टू आइआइटी पर मिश्र कमेटी का गठन किया गया है. इसके चेयरमैन आइआइटी मुंबई के पूर्व निदेशक अशोक मिश्र हैं. कमेटी के सदस्यों में आइआइटी मद्रास के प्रो. के राममूर्ति,आइआइटी कानपुर के नीरज मिश्र व आइएसएम के निदेशक प्रो. डीसी पाणिग्रही शामिल हैं.
प्रजेंटेशन में दी गयी जानकारी
-1906 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित नेहरू ने इसकी स्थापना पर बल दिया था. उन्होंने कहा था- एक ऐसा संस्थान हो जो देश की खनिज जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाये.
– संस्थान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र.
-रूड़की व बीएचयू के बाद देश का तीसरा सबसे पुराना संस्थान.
– 1926 में स्थापना, तब मात्र बीस छात्रों से इसकी शुरुआत हुई थी.
-1957 में एप्लायड जियोफिजिक्स व पेट्रोलियम इंजीनियरिंग की शुरुआत.
-1996 से संस्थान मानव संसाधन विकास विभाग के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में.
-1975-2000 के बीच संस्थान के विस्तारीकरण का दूसरा चरण शुरू . तीसरे चरण में बीटेक के नये पाठ्यक्रम की शुरुआत. संस्थान ने अर्थ साइंस के अलावा, एमबीए, केमिकल , सिविल इंजीनियरिंग जैसे पाठयक्रमों की भी शुरुआत की
– 2012-13 में छात्रों की संख्या बढ़ कर 4900 तक पहुंच गयी.
– संस्थान ने 13000 से अधिक इंजीनियर व विज्ञानी देश को दिये.
– देश के माइनिंग, मिनरल, आइटी व ऑयल सेक्टर के विकास में अहम योगदान.
– सरकारी व निजी क्षेत्र की कई औद्योगिक इकाइयों के सीएमडी, सीइओ इसी संस्थान से.
– संस्थान के छात्र देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों के निदेशक, वाइस चांसलर तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित.
-कई पूर्व छात्र पद्मश्री, पद्म भूषण, राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित.
आला शोध सुविधाएं
प्रजेंटेशन में निदेशक ने संस्थान की आला शोध सुविधाओं का भी जिक्र किया. बताया गया कि प्रयोगशालाओं, लाइब्रेरी, लोकल एरिया नेटवर्क, अत्याधुनिक वेबसाइट, कंप्यूटर सेंटर के अलावा लाइब्रेरी भी शामिल है. उन्होंने बेहतर प्लेसमेंट का जिक्र किया. इनमें देश की नामचीन कंपनियों का भी जिक्र किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि आइएसएम टू आइआइटी को झारखंड विधानसभा में मंजूरी मिल चुकी है. योजना आयोग को भी कोई आपत्ति नहीं है. कई सांसदों ने भी सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा है. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने भी आइएसएम का दौरा किया था. उन्होंने भी इस पर अपनी सहमति जतायी थी.