फर्जीवाड़ा में एमडी का सरेंडर, गये जेल

धनबाद: फर्जी बिल बना कर डबल भुगतान लेने के मामले में मेसर्स ओसियन एलिवेटर्स कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश प्रसाद ने गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम एके राय की अदालत में आत्म समर्पण कर जमानत अर्जी दायर की. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज करते हुए आरोपी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2015 8:29 AM
धनबाद: फर्जी बिल बना कर डबल भुगतान लेने के मामले में मेसर्स ओसियन एलिवेटर्स कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश प्रसाद ने गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम एके राय की अदालत में आत्म समर्पण कर जमानत अर्जी दायर की.

अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत अर्जी खारिज करते हुए आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया. मामला यह है कि बोकारो थर्मल पावर स्टेशन बोकारो में वर्ष 2011 के सितंबर- अक्तूबर माह में वहां कार्यरत एडिशनल चीफ एकाउंट आफिसर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक षडयंत्र के तहत प्राइवेट कंपनी अहमदाबाद को लाभ पहुंचाने के लिए एक ही काम के बिल के एवज में डबल भुगतान करा दिया था. सीबीआइ ने 10 अप्रैल 12 को आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. राजेश प्रसाद पर छह लाख 49 हजार 764 रुपये के बिल का भुगतान लेने का आरोप है.

जिससे बोकारो थर्मल को आर्थिक नुकसान हुआ. केस के आइओ ने 31 अगस्त 13 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. इस केस में सीबीआइ ने सुमित इलेक्ट्रिकल्स के प्रोपराइटर निर्भय लाल दास, मेसर्स रंजन ब्रदर्स के प्रोपराइटर अलख निरंजन सिंह व शंभु ट्रेडिंग कंपनी के नमिता दास को भी अभियुक्त बनाया है. यह मामला आरसी केस नंबर 9ए/12 डी से संबंधित है.

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