अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर लगेगी लगाम

धनबाद: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर समाहरणालय परिसर में मंगलवार को डीसी कृपा नंद झा की अध्यक्षता में बैठक हुई. धनबाद में घटते लिंगानुपात पर चिंता जताते हुए उन्होंने कई निर्देश दिये. डीसी ने सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा को प्रथम तिमाही के अंदर गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने को कहा. कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 8:30 AM
धनबाद: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर समाहरणालय परिसर में मंगलवार को डीसी कृपा नंद झा की अध्यक्षता में बैठक हुई. धनबाद में घटते लिंगानुपात पर चिंता जताते हुए उन्होंने कई निर्देश दिये. डीसी ने सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा को प्रथम तिमाही के अंदर गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने को कहा. कहा कि निजी अस्पतालों में भी जिन गर्भवती महिलाओं का नामांकन किया जाता है, उस क्षेत्र की एएनएम उस महिला की विवरणी प्राप्त कर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को उपलब्ध करायें. गर्भपात होने की स्थिति में किस कारण से गर्भपात हुआ है, उसकी जानकारी भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दें. सिविल सजर्न ने बताया कि धनबाद में कुल 73 अल्ट्रासाउंड केंद्र निबंधित हैं, लेकिन 60 केंद्र ही चल रहे हैं.

औचक निरीक्षण के दौरान प्रतिबंधित करने के कारण नौ केंद्रों का मामला विचाराधीन है. डीसी ने इन केंद्रों का औचक निरीक्षण हर माह करने को कहा. निर्देश दिया कि फार्म एफ नहीं जमा करने वाले सेंटर के खिलाफ कार्रवाई करें. गर्भवती महिलाओं की शुरुआती जांच के दौरान ही आवश्यक सूचना जुटाने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का दायित्व जिला सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी को दिया गया.

बच्चियों का हो शत प्रतिशत नामांकन : डीसी ने जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी सिंह को स्कूलों में लड़कियों का शत प्रतिशत नामांकन कराने निर्देश दिया. कहा हर स्कूल में माह के दूसरे मंगलवार को ह्यगल्र्स चाइल्ड डे मनाया जाये. मौके पर लड़कियों के लिए भाषण, निबंध व चित्रंकन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाये.
जनप्रतिनिधियों को जोड़ें : जिला पंचायती राज पदाधिकारी को दायित्व दिया गया है कि उपायुक्त धनबाद के हस्ताक्षर से अर्ध सरकारी पत्र स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों को दिया जाये. ताकि उन्हें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान एवं धनबाद जिले में घटते हुए लिंगानुपात की गंभीरता पर संवेदनशील किया जा सके. वहीं उप विकास आयुक्त को यह दायित्व दिया गया कि वह स्वयं सहायता समूहों का सुदृढ़ीकरण करते हुए उन्हें भी जिले में घटते हुए लिंगानुपात से अवगत करायें.
जहां कम लिंगानुपात हो, वहां ध्यान दें
डीसी ने कहा कि हर लड़की के जन्म का निबंधन अनिवार्य रूप से किया जाये. प्रतिमाह ग्रामवार/वार्डवार लड़का एवं लड़की के जन्म के अनुपात के आंकड़े का विश्लेषण कर वैसे गांवों या वार्डो पर विशेष ध्यान दें, जहां पर लड़कियों की संख्या कम हो रही है. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में 0-6 वर्ष की सभी लड़कियों को समुचित लाभ देने, आंगनबाड़ी केंद्रों में उनका नामांकन शत प्रतिशत कराने, 3-6 वर्ष की नामांकित लड़कियों की आंगनबाड़ी केंद्रों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने आदि का निर्देश दिया.
मनरेगा में हो 50 प्रतिशत भागीदारी
डीसी ने कहा कि मनरेगा कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये. इसके लिए डीडीसी को दायित्व दिया गया. यह भी निर्देश दिया गया कि मनरेगा में कार्यरत मेट में भी 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हो.
सेविका मनायें गल्र्स चाइल्ड डे
डीसी ने आदेश दिया कि सेविकाएं हर माह के दूसरे मंगलवार को ह्यगल्र्स चाइल्ड डे मनायें. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र स्तर पर ग्रामीणों के साथ मिलकर कार्यक्रम का आयोजन कर बच्चियों के पोषण पर उनकी माताओं से चर्चा की जाये. पोषण स्तर में सुधार के लिए माता-पिता को जागरूक करें.
एनजीओ करें जागरूक
उपायुक्त ने लिंग समानता, महिलाओं तथा बच्चियों के लिए कार्य करने वाले एनजीओ को बैठक कर जिले में लड़कियों की घटती संख्या से अवगत कराने को कहा. निर्देश दिया कि सर्वप्रथम वैसे गांवों पर ध्यान दिया जाये, जहां लड़कियों का लिंगानुपात औसत से कम है.महिलाओं तथा बच्चियों की सुरक्षा के लिए निर्धारित कानूनों की जानकारी देने का दायित्व पारा लीगल मेंबर को दिया गया.

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