सरकारी स्कूल में पढ़ी, लगन और मेहनत से पायी दोहरी कामयाबी

धनबाद: बेटी डॉक्टर बनेगी, इस खुशी में मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं. वहीं पिता को अब भी यह सपने जैसा लग रहा है. जबकि शिक्षक को छात्र की कामयाबी में अपनी कामयाबी दिख रही है. छात्र काजोल मुखर्जी को दो-दो मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में बेहतर सफलता मिली है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2015 7:48 AM
धनबाद: बेटी डॉक्टर बनेगी, इस खुशी में मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं. वहीं पिता को अब भी यह सपने जैसा लग रहा है. जबकि शिक्षक को छात्र की कामयाबी में अपनी कामयाबी दिख रही है. छात्र काजोल मुखर्जी को दो-दो मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में बेहतर सफलता मिली है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (झारखंड कंबाइंड) में उन्हें जेनरल केटेगरी में 47वां स्थान मिला है. जबकि पश्चिम बंगाल कंबाइंड में 114वां स्थान मिला है.

पिता स्वपन मुखर्जी प्रिंटिंग प्रेस में काम करते हैं एवं मां रेखा रानी मुखर्जी गृहिणी हैं. काजोल ने दसवीं तक की पढ़ाई अभया सुंदरी बालिका उच्च विद्यालय से की एवं इंटरमीडिएट एसएसएलएनटी महिला कॉलेज से. पिता ने बताया कि गोल संस्थान के निदेशक संजय आनंद से उन्होंने साफ कह दिया कि मेरे पास पढ़ाने को पैसे नहीं हैं. बेटी काजोल ने भी यही बात आनंद को कही थी. तब आनंद को लगा कि फीस कम करने को कहा जा रहा है, लेकिन काजोल ने कहा कि वह कुछ भी पैसे नहीं दे सकती.

फिर आनंद को लगा कि केवल पैसे के लिए पढ़ाएं तो संस्थान कैसा और उन्होंने 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप दी. पश्चिम बंगाल कंबाइंड की सफलता पर काजोल को कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं झारखंड कंबाइंड की सफलता पर आएमसीएच रांची में नामांकन हो सकता है. काजोल ने बताया कि फिजिक्स में उनके चाचा अशोक कुमार मुखर्जी ने मदद की. धनबाद कोर्ट में अधिवक्ता बड़े पापा तपन कुमार मुखर्जी भी काजोल की सफलता से खुश हैं.

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