भू-अजर्न मुआवजा घोटाला में एक गिरफ्तार

धनबाद: धनसार पुलिस ने रिंग रोड भू-अजर्न मुआवजा घोटाले में सोमवार की रात एक बिचौलिये अनिल महतो को गिरफ्तार किया है. अनिल पर अनुसूचित जनजाति के रैयत जयदेव मांझी की मुआवजा राशि एक करोड़ 72 लाख से अधिक की राशि हड़प लेने का आरोप है. बैंक मोड़ पुलिस निरीक्षक सह मामले क अनुसंधानकर्ता मो अलीमुद्दीन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 8:18 AM
धनबाद: धनसार पुलिस ने रिंग रोड भू-अजर्न मुआवजा घोटाले में सोमवार की रात एक बिचौलिये अनिल महतो को गिरफ्तार किया है. अनिल पर अनुसूचित जनजाति के रैयत जयदेव मांझी की मुआवजा राशि एक करोड़ 72 लाख से अधिक की राशि हड़प लेने का आरोप है. बैंक मोड़ पुलिस निरीक्षक सह मामले क अनुसंधानकर्ता मो अलीमुद्दीन के नेतृत्व में आधा दर्जन थानों की पुलिस ने रात को मनईटांड़ सिंघाड़ा तालाब स्थित घर से अनिल को दबोचा. मामले का किंगपिन गजुआटांड़ निवासी बिपिन कुमार राव पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहा.
चेक पर है अनिल महतो का हस्ताक्षर : प्रस्तावित रिंग रोड के लिए जयदेव मांझी की जमीन का अधिग्रहण हुआ था. जेआरडीए की ओर से जयदेव को तीन चेक 74 लाख 30 हजार, 12 लाख नौ हजार और 86 लाख 40 हजार रुपये के जरिये मुआवजा दिया गया. जोड़ापोखर पैक्स में चेक भेजा गया. जयदेव का खाता खुला. आरोप है कि अनिल कुमार महतो ने रकम निकासी के दौरान जयदेव के चेक पर अपना हस्ताक्षर किया है. पौने दो करोड़ की जगह एक लाख रुपये भी रैयत को नहीं मिला है. अनिल के परिजनों का कहना है कि भले ही पुलिस रिकार्ड में अनिल कुमार अभियुक्त है. लेकिन उसका गबन से कोई लेना-देना नहीं है. गिरफ्तारी की कार्रवाई गलत है.
ढाई दर्जन लोग हैं अभियुक्त
पुलिस का कहना है कि भू-अजर्न मुआवजा घोटाला का किंगपिन बिपिन कुमार राव, आलोक बलिहार (पतराकुल्ही) व अनिल कुमार सिन्हा (कोलाकुसमा) है. जिला भूअजर्न पदाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर की ओर से दर्ज केस में पैक्स प्रबंधक समेत ढाई दर्जन लोग अभियुक्त हैं. पुलिस गिरफ्तारी के भय से सभी फरार है. एफआइआर में आरोप है कि झरिया पुनर्वास विकास प्राधिकार(जरेडा) के तहत रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत की गयी जमीन का मुआवजा भुगतान के बाद बिचौलिये ने हड़प लिया है. मामला प्रकाश में आने के बाद डीसी ने जांच करायी तो रैयत गणोश मुमरू, रसिक मुमरू, देवराज मुमरू, सीताराम मरांडी. जयदेव मांझी, श्यामलाल हांसदा, गणोश टुड्ड, सुखलाल मरांडी को लगभग 20 करोड़ रुपये मुआवजा मिला था. पैक्स प्रबंधकों की मिलीभगत से बिचौलिये ने रैयतों की राशि हड़प ली है. रैयतों को करोड़ की जगह एक दो लाख रुपये ही मिले हैं.

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