नवजात की मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

धनबाद: पुटकी श्री नगर निवासी जरीन खान की नवजात की मौत बुधवार की सुबह पीएमसीएच में हो गयी. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया. आक्रोशित परिजनों ने नवजात का शव लेने से मना कर दिया. एनआइसीयू कक्ष में ही परिजन शव के साथ बैठे रहे. काफी देर बाद प्रबंधन के हस्तक्षेप पर मामला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2015 8:16 AM
धनबाद: पुटकी श्री नगर निवासी जरीन खान की नवजात की मौत बुधवार की सुबह पीएमसीएच में हो गयी. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया. आक्रोशित परिजनों ने नवजात का शव लेने से मना कर दिया. एनआइसीयू कक्ष में ही परिजन शव के साथ बैठे रहे. काफी देर बाद प्रबंधन के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ. जरीन के पति आमिर अली कानपुर में वेंडर का काम करते हैं.
पहले स्वास्थ्य केंद्र, फिर पीएमसीएच : पीड़िता जरीन व उनकी बहन रेशमा ने बताया कि आठ जून को जरीन को प्रसव पीड़ा हुई. उसे केंदुआडीह स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहां चिकित्सक ने मामला को गंभीर बताकर प्राइवेट या पीएमसीएच जाने की सलाह दे दी. मंगलवार को पीएमसीएच में भरती कराया गया. देर शाम जरीन ने एक बच्चे को जन्म दिया. जन्म के बाद बच्च रो नहीं रहा था. इसलिए उसे एनआइसीयू में भरती कराया गया. रेशमा ने बताया कि रात में बच्चे की स्थिति काफी बेहतर हो गयी थी.
सुबह में तबीयत बिगड़ी, लगाती रही चक्कर : रेशमा ने बताया कि बच्चे की तबीयत सुबह में थोड़ी खराब हो गयी थी. चिकित्सक नहीं मिले. इसकी जानकारी नर्स को दी. नर्स ने बच्चे को एक इंजेक्शन दे दिया, इंजेक्शन देते ही बच्चे के शरीर का रंग बदलने लगा, वह शांत पड़ गया. सुबह नौ बजे बच्चे को गोद में लेकर पूरे अस्पताल में चिकित्सक को खोजती रही. ओपीडी में शिशु रोग में चिकित्सक से मिली, लेकिन चिकित्सक ने न ठीक से जांच की, न इलाज. इसके बाद नवजात ने दम तोड़ दिया.
नवजात काफी सीरियस था. लो बर्थ वेट भी था. वार्ड में डॉक्टरों की डय़ूटी रहती है. इमरजेंसी में भी चिकित्सक बैठते हैं. हालांकि बच्चे की मौत पर हमें भी दुख है. एनआइसीयू में सीरियस बच्चे की भरती होते हैं.
डॉ यूएस प्रसाद, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग, पीएमसीएच

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