विधायिका-कार्यपालिका का रिव्यू, मीडिया का नहीं
धनबाद: मीडिया एवं इसका जनजागरण पर प्रभाव, बाजारीकरण तथा सोशल मीडिया का प्रभाव पर चर्चा के साथ रविवार को एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में मीडिया एवं सोसाइटी पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद पीएन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के दो स्तंभ पर चर्चा नहीं होती. पहला […]
धनबाद: मीडिया एवं इसका जनजागरण पर प्रभाव, बाजारीकरण तथा सोशल मीडिया का प्रभाव पर चर्चा के साथ रविवार को एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में मीडिया एवं सोसाइटी पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद पीएन सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के दो स्तंभ पर चर्चा नहीं होती.
पहला स्तंभ न्यायपालिका, जिसकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं किये जा सकते व चौथा स्तंभ मीडिया जिस पर चर्चा की किसी को हिम्मत नहीं. बाजारवाद के इस युग में एक खबर चार अखबारों में चार तरह से छपती हैं. न्यूज कम व्यूज से अखबार भरे रहते हैं.
विधायिका-कार्यपालिका का रिव्यू होता है, लेकिन मुङो नहीं लगता कि मीडिया का भी कभी रिव्यू होता होगा. कहा कि आपकी खबर कितनी स्वीकार की जाती है यह समझने की जरूरत कभी नहीं महसूस की जाती. कॉलेज के कॉमर्स विभाग द्वारा यूजीसी के सौजन्य व गुरुनानक कॉलेज के सहयोग से यह आयोजन हुआ.
इन्होंने भी किया संबोधित : डॉ प्रमोद पाठक, डॉ एसके शर्मा, संजय चौहान, डॉ एमएस आलम, बनखंडी मिश्र, इंद्रजीत सिंह, डॉ प्रमिला चौधरी.
तकनीकी सत्र : सेमिनार में कुल 64 पेपर प्रस्तुत किये गये. तीन तकनीकी सत्र अंतिम दिन हुए जिसमें तीसरे व चौथे सत्र में मीडिया व जागरूकता पर इसके प्रभाव तथा पांचवें व अंतिम सत्र में फिल्म सोशल मीडिया एंड सोसाइटी पर चर्चा हुई. तीसरे एवं चौथे सत्र के चेयरपर्सन में डॉ एसके शर्मा, पत्रकार इंद्रजीत प्रसाद सिंह, जबकि पांचवें सत्र के चेयरपर्सन में पत्रकार सुधांशु रंजन, संजय चौहान थे. इस सत्र में प्रमुख रूप से प्रो संजय, रिसर्चर स्कॉलर अनिल आशुतोष, सोनिया, कुमारी सुप्रिया राय सहित कई के पेपर पढ़े गये.