छह साल की बेटी की गवाही 11 पर भारी

धनबाद: रेलकर्मी नारायण मुमरू हत्याकांड में बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने निरसा के एलाकेंद बांधडीह टोला निवासी पत्नी हल्दी मुर्मू ,साला निर्मल मरांडी व देवन हेंब्रम को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सुनवाई के वक्त एपीपी धनंजय सिंह भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2015 9:52 AM
धनबाद: रेलकर्मी नारायण मुमरू हत्याकांड में बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम सत्य प्रकाश की अदालत ने निरसा के एलाकेंद बांधडीह टोला निवासी पत्नी हल्दी मुर्मू ,साला निर्मल मरांडी व देवन हेंब्रम को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. सुनवाई के वक्त एपीपी धनंजय सिंह भी मौजूद थे. सजा बिंदु पर सुनवाई की अगली तिथि 13 जुलाई तय की गयी.
क्या है मामला : नारायण मुमरू आसनसोल रेल में कार्यरत था. उसकी पत्नी हल्दी मुमरू अपने भाई निर्मल मरांडी को नौकरी देने के लिए प्राय: उससे झगड़ा करती थी. 19 मार्च 07 को पत्नी हल्दी मुर्मू ने अपने भाई निर्मल व देवन हेंब्रम के साथ मिल कर लाठी से अपने पति के सिर पर मारा. घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. घटना के बाद छोटे लाल किस्कू ने निरसा थाना में कांड संख्या 72/07 दर्ज कराया. अभियोजन की ओर से 12 गवाहों का परीक्षण कराया गया. केस विचारण के दौरान सूचक समेत 12 गवाहों की गवाही हुई. 11 गवाहों ने घटना की पुष्टि नहीं की. लेकिन मृतक की छह वर्षीय पुत्री मुन्नी मुमरू के अदालत में दिये गये बयान के आधार पर ही अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया. यह मामला एसटी केस नंबर 346/07 से संबंधित है.
पत्नी की हत्या में पति और मौलवी दोषी
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश नवम अभय कुमार सिन्हा की अदालत ने हत्या के एक मामले में बुधवार को हरिहरपुर निवासी मौलवी रहमत सौदागर व पति कुरबान अंसारी को भादवि की धारा 302 व डायन एक्ट की धारा में दोषी पाकर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. अदालत ने सजा बिंदु पर अगली तिथि निर्धारित कर दी. सुनवाई के वक्त अदालत में प्रभारी लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह भी मौजूद थे. मामला यह है कि मौलवी रहमत सौदागर ने कुरबान अंसारी से कहा कि तुम्हारी पत्नी पर भूत का साया है. तुम उसे हटा दोगें तो तुम सुखी हो जाओगे. इसी बात पर कुरबान ने अपनी पत्नी की हत्या बांस से मार कर कर दी.
कुंभनाथ मामले में पुलिस ने फिर नहीं दी केस डायरी
अपहरण और मारपीट के मामले में आरोपित कुंभनाथ सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई बुधवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुज नाथ की अदालत में हुई. अदालत पुलिस से पिछले दो तिथियों से केस डायरी की मांग कर रही है, लेकिन पुलिस अदालत में केस डायरी प्रस्तुत नहीं कर रही है. अदालत ने इस मामले में सुनवाई की तिथि 15 जुलाई 15 मुकर्रर कर दी. मामला यह है कि गत 27 मई को धनबाद के सांसद पीएन सिंह के भतीजे अभिषेक सिंह उर्फ ढोलक सिंह के बैंक मोड़ स्थित वाहन स्टैंड में दबंगई कर गाड़ी लगाने व स्टैंड का शुल्क नहीं देने पर भारी बवाल हो गया. ठेकेदार एलबी सिंह के भाई कुंभनाथ सिंह ने स्टैंड शुल्क मांगने वाले कर्मी को हड़काया. जब वाहन स्टैंड के मालिक अभिषेक सिंह अपने एक दोस्त के साथ वहां पहुंचे, तो कुंभनाथ सिंह व उसके साथियों ने पिस्टल की बट व लात घूसों से पिटाई कर दी और जबरन उसे स्कॉर्पियों पर लाद कर भाग निकले. इसी क्रम में भगतडीह के पास स्कॉर्पियों की चपेट में आने से महिला व युवक जख्मी हो गये. तब वाहन रोक कर कुंभनाथ सिंह व उसके साथी भाग गये. घटना के बाद अभिषेक सिंह ने बैंक मोड़ थाने में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.
दीपक वर्मा हत्याकांड में फैसला आज
भौंरा निवासी बरतन व्यवसायी दीपक वर्मा हत्याकांड में बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश 11 सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष की बहस सुनी. अदालत ने फैसले की तिथि 9 जुलाई 15 मुकर्रर कर दी. अदालत ने 6 जुलाई 15 को आरोपी बेलाल अंसारी ,बिरजू भुइयां, मुन्ना खान व ताजुद्दीन शाह उर्फ चामू को भादवि की धारा 364 ए व 120 बी में दोषी पाकर जेल भेज दिया था. आरोपियों ने पांच लाख रुपये फिरौती को लेकर मोहन वर्मा के पुत्र दीपक वर्मा का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी.

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