विलय की राह पर इंटक-एचएमएस !

सत्येंद्र धनबाद : दो केंद्रीय मजदूर संगठन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) विलय की राह पर हैं. लेकिन कई पेचीदगी भी हैं, जो राह को कठिन बना रही हैं. पर, विलय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बात को दोनों संगठनों के आला नेता भी स्वीकार करते हैं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2015 8:51 AM
सत्येंद्र
धनबाद : दो केंद्रीय मजदूर संगठन इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) विलय की राह पर हैं. लेकिन कई पेचीदगी भी हैं, जो राह को कठिन बना रही हैं. पर, विलय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस बात को दोनों संगठनों के आला नेता भी स्वीकार करते हैं, हालांकि संदेह भी प्रकट करते हैं. वर्षों पहले एचएमएस का एटक से भी विलय की बात हुई थी, पर नहीं हुआ.
क्या है मामला : जून 2015 की 27-28 तारीख को हैदराबाद में इंटक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है. बैठक में इंटक के अध्यक्ष संजीव रेड्डी एचएमएस के विलय का प्रस्ताव पढ़ते हैं. प्रस्ताव पढ़ने के बाद वे सभी से विचार पूछते हैं. इसके झारखंड इंटक की बैठक में झारखंड इंटक के अध्यक्ष उक्त प्रस्ताव की जानकारी देते हुए सभी से विचार जानते हैं.
इसके बाद विलय के मामले पर इंटक अध्यक्ष श्री रेड्डी और महामंत्री राजेंद्र सिंह के नेतृत्व मे एक पांच सदस्यीय कमेटी बनती है. इसी तरह एचएमएस के अध्यक्ष सीए राजाश्रीधर, महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू, सचिव एडी नागपाल, सचिव थम्पन थॉमस और कोषाध्यक्ष जीआर भोंसले की सदस्यता वाली कमेटी बनती है. जानकारी के मुताबिक दोनों संगठनों द्वारा गठित कमेटी की अभी तक कोई बैठक नहीं हो सकी है. जानकारों के मुताबिक दोनों संगठनों के विलय में सबसे बड़ी पेचीदगी पदों को लेकर होगा.
इनसे जुड़ी सभी यूनियनों एवं फेडरेशनों में पदों को लेकर मारामारी होगी. भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक एचएमएस श्री रेड्डी को अध्यक्ष मानने को सहर्ष तैयार है, तो फिर महासचिव कौन होगा. यह एक यक्ष प्रश्न है. फिलहाल इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र सिंह हैं. विलय के बाद एचएमएस जब श्री रेड्डी को अध्यक्ष मान लेगा तो महासचिव एचएमएस से से होना तय है. तब राजेंद्र सिंह का क्या होगा. लगभग यही हाल दोनों संगठनों से जुड़ी यूनियनों में होगा. यह सलटना आसान नहीं होगा. इसी समस्या को सलटाने के लिए दोनों मजदूर संगठनों ने कमेटियां बनायी हैं.
कोयलांचल भी होगा प्रभावित : इंटक और हिंद मजदूर सभा के विलय से धनबाद कोयलांचल पर व्यापक होगा. यहां जनता मजदूर संघ, बिहार जनता खान मजदूर संघ समेत दो दर्जन यूनियनें एचएमएस से संबद्ध है. अगर विलय होगा तो इन यूनियनों का क्या होगा. इन यूनियनों के नेता इंटक का नेतृत्व क्या स्वीकार करेंगे. यह एक अहम सवाल है.
क्या कहा नेताओं ने
राजेंद्र प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री इंटक : पांच-पांच लोगों की कमेटी बनी है. लेकिन कमेटी की अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है. यह आसान काम नहीं है. विलय संभव नहीं एडी नागपाल, राष्ट्रीय सचिव एचएमएस : दोनों ओर से कमेटी बनी है. हम मिलेंगे, फिर इस पर बात होगी. एटक से विलय की बात काफी दूर तक चली थी. लेकिन विलय नहीं हुआ. एटक के कारण बात बिगड़ गयी थी.
नत्थू लाल पांडेय, एचएमएस के कोल फेडरेशन हिंद खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष व जेबीसीसीआइ सदस्य : विलय पर बातचीत हुई है. विलय की प्रक्रिया तय है. दोनों ओर से कमेटी भी बनी है. संभव नहीं दिखता है. एटक से भी विलय की प्रक्रिया शुरू हुई थी. लेकिन विलय हुआ नहीं.

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