30 के बाद कोलेस्ट्रॉल की जांच करायें : डॉ घोष

धनबाद: प्रगति मेडिकल रिसर्च सेंटर एवं एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया धनबाद इकाई की ओर से शनिवार को सतत आयुर्विज्ञान शिक्षा संगोष्ठी (सीएमइ) का आयोजन किया गया. मुख्य रूप से कोलकाता अपोलो के प्रसिद्ध ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ अमर नाथ घोष मौजूद थे. पत्रकारों को जानकारी देते हुए डॉ बोस ने बताया कि बदलती जीवन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2015 10:21 AM
धनबाद: प्रगति मेडिकल रिसर्च सेंटर एवं एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया धनबाद इकाई की ओर से शनिवार को सतत आयुर्विज्ञान शिक्षा संगोष्ठी (सीएमइ) का आयोजन किया गया. मुख्य रूप से कोलकाता अपोलो के प्रसिद्ध ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ अमर नाथ घोष मौजूद थे. पत्रकारों को जानकारी देते हुए डॉ बोस ने बताया कि बदलती जीवन शैली, शारीरिक श्रम में शून्यता व भोजना में वसा, प्रोटीन आदि की अधिक मात्र लेने से कॉलेस्ट्राल बढ़ जाता है.

सामान्यत: हृदय में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं होने के कारण रक्त दूसरे भागों में नहीं जा पाता है. हृदय की धमनियों में मोटा खून (कोलेस्ट्राल) जमा होने लगता है, जो हर्ट अटैक का कारण होता है. उन्होंने बताया 30 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद नियमित रुप से कोलेस्ट्राल की जांच करवानी चाहिए, अगर कोलेस्ट्राल बढ़ा होता है, तो शारीरिक गतिविधियां बढ़ा देनी चाहिए. वसा, प्रोटीन, काबरेहाइड्रेड वाले खानों से बचना चाहिए. बताया कि ह्दय रोगियों के लिए बाइपास सजर्री उन्नत तकनीक है, हालांकि महंगी भी है. इसके साथ पेसमेकर भी लगाया जाता है. अब नयी तकनीक कॉर्डियक रिसिंक्रोनाइजेशन आ रही है.

सीने में दर्द के बाद मरीज को एंजियोग्राफी करानी चाहिए. ह्दय के बल्व में रूकावट होने के बाद एंजियोप्लास्टी की सलाह दी जाती है. इस दौरान उन्होंने थ्रोंबोस्ड मैकेनिकल हर्ट बल्व इट्स मैनेजमेंट एंड प्रिवेंशन विषय पर अपने विचार दिये. बताया कि ऑपरेशन के दौरान हर्ट के बल्व को खोला जाता है. इसमें एहतियात बरतना जरूरी है. कंप्लिकेशन के साथ आये मरीजों को जानना जरूरी होता है. मौके पर डॉ डीके सारस्वत, डॉ एमएम मिश्र, डॉ एके वर्मा, डॉ एसके दास, डॉ अजय शंकर समेत दर्जनों चिकित्सक मौजूद थे.

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