सोना नो गरबो सिरे, अंबे मां चालो रे धीरे-धीरे..
धनबाद: लाल लाल लाल तारी चुनरी छे लाल.., मां पावा ते गढथी उतरिया महाकाड़ी रे.. एवं सोना नो गरबो सिरे, अंबे मां चालो रे धीरे-धीरे.. एवं सू बेथी मां पग ऊपर पग चढ़ावी.. आदि गीतों पर गुजराती समाज की महिलाओं ने खूब डांडिया-गरबा किया. गुजराती स्कूल, बैंक मोड़ में मां शक्ति सत्संग मंडल की ओर […]
धनबाद: लाल लाल लाल तारी चुनरी छे लाल.., मां पावा ते गढथी उतरिया महाकाड़ी रे.. एवं सोना नो गरबो सिरे, अंबे मां चालो रे धीरे-धीरे.. एवं सू बेथी मां पग ऊपर पग चढ़ावी.. आदि गीतों पर गुजराती समाज की महिलाओं ने खूब डांडिया-गरबा किया. गुजराती स्कूल, बैंक मोड़ में मां शक्ति सत्संग मंडल की ओर से रास गरबा-डांडिया का आयोजन किया गया है. यह 67 वां साल है जब शाम ढलते ही लोग मां की भक्ति में डूब जाते हैं. इसकी तैयारी लोग महीने भर पहले से शुरू कर देते हैं. रास गरबा-डांडिया के लिए लोग खास परिधान और जेवरात की भी खरीदारी करते हैं.