एक माह से बिना डीएफओ के धनबाद वन प्रमंडल
धनबाद: धनबाद वन प्रमंडल एक माह से बिना डीएफओ के चल रहा है. जून के प्रथम सप्ताह में यहां के डीएफओ सतीश चंद्र राय का स्थानांतरण सारंडा (चाईबासा) हो गया. इस पद के लिए यहां अब तक किसी अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गयी है. ऐसे में पूर्व डीएफओ ही अब तक दोनों जगहों के […]
धनबाद: धनबाद वन प्रमंडल एक माह से बिना डीएफओ के चल रहा है. जून के प्रथम सप्ताह में यहां के डीएफओ सतीश चंद्र राय का स्थानांतरण सारंडा (चाईबासा) हो गया. इस पद के लिए यहां अब तक किसी अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गयी है. ऐसे में पूर्व डीएफओ ही अब तक दोनों जगहों के चार्ज में बने हुए हैं. पहली बार धनबाद वन प्रमंडल एक माह से बिना डीएफओ के है.
क्या हो रही है परेशानी: नये डीएफओ के पदस्थापन न होने से विभाग में कोई नीतिगत निर्णय लेने में परेशानी हो रही है. पूर्व डीएफओ का पदस्थापन काफी दूर चाईबासा में है. ऐसे में उनके लिए यहां का चार्ज भी संभालना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने खुद विभाग से होने वाली परेशानी को बताया है. बरसात में वन विभाग की ओर से युद्ध स्तर पर काम करने समय होता है. ऐसे समय में धनबाद वन प्रमंडल बिना शीर्षस्थ पदाधिकारी के हो गया है.
कितना बड़ा है धनबाद वन प्रमंडल क्षेत्र: सहायक वन संरक्षक कनक किशोर की माने तो राज्य में कुल क्षेत्रफल का 27 प्रतिशत वन क्षेत्र है. उसमें धनबाद वन प्रमंडल का क्षेत्र राज्य का 7 प्रतिशत है. यहां का वन क्षेत्रफल 20 हजार 800 हेक्टेयर है. डीएफओ के पदस्थापन न होने से क्षेत्र में संरक्षण व संवर्धन के नीतिगत फैसले नहीं हो पा रहे हैं. संयोग से अभी हाथियों का आतंक बंद है अन्यथा विभाग की परेशानी बढ़ जाती. यहां वन आरक्षी के कुल 56 पद स्वीकृत हैं. लेकिन केवल 4 ही वन आरक्षी हैं. वह भी 55 वर्ष से ऊपर की आयु के.
लक्ष्य की स्थिति: सहायक वन संरक्षी कनक किशोर का दावा है कि धनबाद वन प्रमंडल के लिए वन रोपण योजना मद में कुल 6 लाख पौध रोपण का लक्ष्य निर्धारित था वह जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही पूरा हो गया है. उक्त पौधे धनबाद वन प्रमंडल के तोपचांची, टुंडी व धनबाद वन प्रक्षेत्र में लगाये गये हैं. कुल पौध रोपण का 10 प्रतिशत धनबाद वन प्रक्षेत्र में तथा शेष 40, 40 प्रतिशत टुंडी व तोपचांची वन प्रक्षेत्र में किया गया है.