जिला चेंबर की आम सभा सह चुनाव आज, किसके सिर ताज, फैसला आज
धनबाद: जिला चेंबर की आम सभा गुरुवार को अग्रसेन भवन पुराना बाजार में होगी. आम सभा में नयी कार्यकारिणी का गठन होगा. फिलहाल सर्वसम्मति आसान नहीं दिख रही है. चुनाव को लेकर अलग-अलग कैंपेनिंग हो रही है. एक तरफ राजेश गुप्ता, चेतन गोयनका व अशोक साव टीम बना कर कैंपेनिंग कर रहे हैं, तो दूसरी […]
धनबाद: जिला चेंबर की आम सभा गुरुवार को अग्रसेन भवन पुराना बाजार में होगी. आम सभा में नयी कार्यकारिणी का गठन होगा. फिलहाल सर्वसम्मति आसान नहीं दिख रही है. चुनाव को लेकर अलग-अलग कैंपेनिंग हो रही है. एक तरफ राजेश गुप्ता, चेतन गोयनका व अशोक साव टीम बना कर कैंपेनिंग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर दीपक कुमार दीपू व राजेश दुदानी बॉयलॉज संशोधन को लेकर हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं. सुरेंद्र अरोड़ा, सुरेश अग्रवाल व ललन मिश्र भी चुनाव की रेस में हैं.
एक गुट की मानें तो आम सभा में बॉयलॉज संशोधन का मामला नहीं उठने दिया जायेगा. जबकि दूसरे गुट का कहना है कि पहले संशोधन पर विचार होगा तभी आगे की कार्यवाही चलेगी. यह तय है कि बैठक हंगामेदार होगी.
सर्वसम्मति के आसार नहीं : जिला चेंबर में पहली बार ताज को लेकर खींचतान हो रही है. अब तक जिला चेंबर में सर्वसम्मति से पदाधिकारियों का चयन होता रहा है. पहली बार है कि ताज को लेकर घमसान मचा है. जिला चेंबर के पहले अध्यक्ष बने श्रीराम कटेसरिया. इसके बाद सतनारायण अग्रवाल, स्वर्गीय बीपी सिंह, मोती लाल अग्रवाल, मणिशंकर केसरी व सुरेंद्र ठक्कर. इसके बाद राजीव शर्मा ने अध्यक्ष की बागडोर संभाली. चेंबर के कुछ पदाधिकारी राजीव शर्मा को पुन: अध्यक्ष की कमान सौंपना चाहते हैं. जबकि दूसरा गुट बॉयलॉज का हवाला देते हुए नयी टीम को लाना चाहती है.
52 चेंबर करेंगे फैसला : 52 चेंबरों के हाथों में ताज का फैसला होना है. आम सभा में सर्वसम्मति बनती है तो ठीक है, अन्यथा बैलेट पेपर पर चुनाव होगा. जिला चेंबर महासचिव राजेश गुप्ता की मानें तो बॉयलॉज संशोधन का मामला नहीं उठना चाहिए. जिस चीज का आधार नहीं है, उसकी बात नहीं होनी चाहिए. कार्यकाल खत्म हो गया. इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. आम सभा में संविधान संशोधन की कोई बात नहीं होगी. इधर सिंदरी चेंबर सचिव दीपक कुमार दीपू की मानें तो किसी भी समय संशोधन बिल लाया जा सकता है. आम सभा में सबकी बात सुनी जाती है. अगर साठ प्रतिशत चेंबर बॉयलॉज संशोधन के पक्ष में होंगे तो निश्चित रूप से संशोधन होगा.