सचिव समेत सात सदस्यों का इस्तीफा

धनबाद. जगजीवन नगर स्थित धनबाद कोल बोर्ड इंप्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड में चल रहे विवाद के बीच समिति के सचिव समेत 11 सदस्यीय कार्यकारिणी के सात सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. समिति के अध्यक्ष ने इस्तीफे की पुष्टि की है. इस्तीफा देने वालों ने समिति के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष पर मनमानी का आरोप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2015 8:17 AM
धनबाद. जगजीवन नगर स्थित धनबाद कोल बोर्ड इंप्लाइज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड में चल रहे विवाद के बीच समिति के सचिव समेत 11 सदस्यीय कार्यकारिणी के सात सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. समिति के अध्यक्ष ने इस्तीफे की पुष्टि की है. इस्तीफा देने वालों ने समिति के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाया है. जबकि अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष ने इस्तीफे का कारण पूर्व मे हुए घपले-घोटालों की जांच से बचने का प्रयास बताया है. इस्तीफे के कारण समिति से सदस्यों को लोन नहीं मिल पायेगा. इस्तीफे से उत्पन्न स्थिति के बाद समिति के भंग होने की संभावना बढ़ गयी है.
क्या है इस्तीफा में : समिति के सचिव निरंजन कुमार राय, कृष्णा सिंह, हरेंद्र शर्मा, रामू महतो, आरएन दास, ब्रह्मदेव मांझी और गणोश भुइयां ने बुधवार को इस्तीफा दिया. इस्तीफा में लिखा है कि अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष द्वारा मनमाने ढंग से कार्य का निष्पादन किया जा रहा है, जिससे स्थापित नियमों का उल्लंघन हो रहा है. बगैर कार्यकारिणी के पारित प्रस्ताव कर कार्य किया जा रहा है.
गलत काम हो रहा है : सचिव
सचिव निरंजन कुमार राय का कहना है कि गलत काम हो रहा है. अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष मिल कर दबंगता से काम कर रहे हैं. एआर ने 14 को बैठक बुलायी. एरिया सिक्स से काफी संख्या मे लोग आ गये. हंगामा के कारण बैठक नहीं हो सकी. सचिव के नाते हमारी भी जवाबदेही है. हम त्रस्त हो गये. इस्तीफा दे दिया. चुनाव होगा. लड़ेंगे.
जांच होनी चाहिए : अध्यक्ष
अध्यक्ष अरबिंद कुमार सिंह ने कहा : हमने क्या मनमानी की है इसकी जांच होनी चाहिए. दरअसल इस्तीफा देने का कारण यह है कि पूर्व मे हुए घपले-घोटालों से बचा जाये. मेरे कार्यकाल एवं पिछले दस वर्षो के कार्यकाल की जांच के लिए डीसीओ को आवेदन दिया है. पूर्व सचिव रिटायरमेंट के बाद भी कैसे चेक पर हस्ताक्षर करते रहे. इस्तीफा देने वालों ने पूर्व सचिव को मार्गदर्शक बनाने का प्रस्ताव दिया. यही नहीं हमारे और कोषाध्यक्ष के समिति में रोज आने पर भी एतराज था. इस्तीफा आम सभा में देना चाहिए था. क्योंकि आम सभा ने तीन वर्षो के लिए चुना था. फिर चुनाव होगा तो खर्च कौन देगा?
बतायें मैंने क्या मनमानी की : कोषाध्यक्ष
कोषाध्यक्ष उमा चरण यादव ने कहा : सचिव महोदय यह तो बतायें कि मनमानी क्या की. अगर मनमानी की तो सचिव जांच करा लेते. इस्तीफा क्यों दे दिए. मनमानी तो वे करते थे. उच्च स्तरीय जांच से सच सामने आ जाएगा. हमलोगों ने तो जांच के लिए आवेदन भी दिया है. सचिव अगर इतने ही पाक-साफ और ईमानदार हैं तो जांच के लिए आवेदन क्यों नहीं दिया.

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