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अब खर्च होंगे 25,000 करोड़

धनबाद : झरिया मास्टर प्लान के तहत अग्नि एवं भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास पर 25 हजार करोड़ रुपये तक खर्च होंगे. पहले से स्वीकृत 7112 करोड़ रुपये के झरिया मास्टर प्लान के बजट में भारी वृद्धि होगी.इसका आधार भू-अजर्न नीति में बदलाव तथा निर्माण सामग्री की बाजार कीमतों में भारी बढ़ोतरी बताया […]

धनबाद : झरिया मास्टर प्लान के तहत अग्नि एवं भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास पर 25 हजार करोड़ रुपये तक खर्च होंगे. पहले से स्वीकृत 7112 करोड़ रुपये के झरिया मास्टर प्लान के बजट में भारी वृद्धि होगी.इसका आधार भू-अजर्न नीति में बदलाव तथा निर्माण सामग्री की बाजार कीमतों में भारी बढ़ोतरी बताया गया है.

सोमवार को झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जेआरडीए) प्रबंध-पर्षद की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. प्रमंडलीय आयुक्त सह जेआरडीए की पदेन अध्यक्ष वीणा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सबसे पहले प्रभावितों के लिए चार हजार नये क्वार्टर निर्माण के लिए टेंडर को मंजूरी दी गयी. यह टेंडर कमला पति कंस्ट्रक्शन बोकारो को दिया गया है.

बैठक के बाद उपायुक्त सह जेआरडीए के उपाध्यक्ष सह एमडी केएन झा ने बताया कि इस चार हजार में से बेलगढ़िया एवं निपनिया में दो-दो हजार आवास बनाये जायेंगे.

बैठक में दो हजार नये आवास बनाने के लिए टेंडर जारी करने की अनुमति दी गयी. इसके लिए राशि की स्वीकृति भी दी गयी. साथ ही दस हजार नये घर बनाने के लिए डीपीआर बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी. दस हजार क्वार्टर के निर्माण पर 420 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है.

कौन-कौन थे बैठक में : बैठक में आयुक्त वीणा श्रीवास्तव के अलावा उपायुक्त केएन झा, बीसीसीएल के डीटी डीसी झा, डीडीसी अशोक सिंह, जेआरडीए के मुख्य अभियंता सुनील दलेला, आर एंड आर गोपालजी सहित कई अधिकारी मौजूद थे. यह बैठक लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली.

डीसी ने बताया कि बेलगढ़िया एवं निपनिया टाउनशिप को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा. जवाहर लाल नेहरू शहरी पुनरुद्धार मिशन योजना (जेएनएनयूआरएम) की बेसिक सर्विस टू अरबन पुअर (बीएसयूपी) के तहत दो रूम का कमरा वाला फ्लैट मिलेगा.

साथ ही वहां पानी, बिजली, सड़क के साथ-साथ हेल्थ सेंटर, स्कूल आदि की सुविधाएं भी दी जायेंगी. नागरिक सुविधाएं के लिए आज 6.72 करोड़ की योजना को भी आज मंजूरी दी गयी. विस्थापित परिवार को दो वर्ष के लिए न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मुआवजा राशि दी जायेगी.

साथ ही विस्थापितों को उनकी रुचि के अनुसार किसी ट्रेड में ट्रेनिंग दिलायी जायेगी. ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. ट्रेनिंग दिलाने की जिम्मेवारी बीसीसीएल की होगी. कहा कि विशेष भू-अजर्न नीति पर फैसला 31 जुलाई को रांची में उच्च स्तरीय समिति की बैठक में होगी.

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