धनबाद: धनबाद रेल यार्ड में खड़ी 13330 पटना-धनबाद गंगा-दामोदर एक्सप्रेस की स्लीपर बोगी में गुरुवार को पूर्वाह्न विस्फोट के बाद 42 बम बरामद होने से सनसनी फैल गयी. बम प्लास्टिक के झोले में एस-5 कोच की बर्थ संख्या सात के नीचे रखे थे. आरपीएफ के वरीय कमांडेंट शशि कुमार के अनुसार इस तरह के बम का प्रयोग जंगल व गांवों में जानवरों को मारने या भगाने में किया जाता है. इसे कोई ग्रामीण ला रहा होगा. ट्रेनों में सर्च अभियान के कारण वह इसे नहीं ले जा सका होगा. बमों को निष्क्रिय कर जीआरपी के हवाले कर दिया गया है. मंगाया गया खोजी कुत्ता : ट्रेन पटना से सुबह आयी थी. रोज की तरह पूर्वाह्न साढ़े दस बजे यार्ड में सफाई हो रही थी. इसी दौरान बोरे से लुढ़क कर एक बम फट गया. सफाईकर्मी भाग खड़ा हुआ.
सीनियर सेक्शन इंजीनियर मनोज कुमार वर्मा वहीं पर थे. उन्होंने एहतियाती उपाय करते हुए अधिकारियों को खबर की. सूचना पाकर आरपीएफ के वरीय कमांडेंट शशि कुमार, आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर डीके सिंह, धनबाद रेल अंचल निरीक्षक रतन कुमार व रेल थानेदार एके वर्मा घटनास्थल पर पहुंचे. खोजी कुत्ता मंगाया गया. बम को प्लास्टिक के पानी भरे टब में रख कर निष्क्रिय कर दिया गया. बाद में यार्ड में खड़ी गंगा-सतलज समेत विभिन्न ट्रेनों की जांच की गयी.
बम स्क्वायड टीम को कॉल
बरामद बम लड्ड के आकार का है. स्पिलिंटर नहीं है. केवल बारूद भरा है. बाहर से रस्सी से बांधा गया है. बोकारो से बम स्क्वायड टीम को बुलाया गया है. स्क्वायड टीम के आने पर बम को पूरी तरह से निष्क्रिय किया जायेगा.
सुरक्षा पर सवाल
रेलवे में हाइ अलर्ट है. ट्रेनों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है. पटना से धनबाद आ रही गंगा-दामोदर एक्सप्रेस में आरपीएफ की स्कॉर्ट पार्टी थी. ऐसे में स्लीपर बोगी में बम का मिलना कई सवाल खड़े करता है. कम शक्तिशाली ही सही, गंगा-दामोदर में चलती गाड़ी में विस्फोट होता तो अफरा-तफरी में यात्रियों की जान जा सकती थी. ट्रेन में आग लग सकती थी. यात्रियों की खुशकिस्मती कि ऐसा कुछ नहीं हुआ.
सफाईकर्मी के बयान पर प्राथमिकी
ठेका सफाईकर्मी दीपक वर्मा के बयान पर धनबाद रेल थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस का कहना है कि संभवत: उसे गया स्टेशन में चढ़ाया गया था. बम किसने रखा इसका पता लगाया जा रहा है. पुलिस को पिट से कुछ पुराने फोटो और कागज पर नाम-मोबाइल नंबर मिले हैं. छानबीन की जा रही है.