सउदी अरब में भौंरा के युवक की मौत, शव मांग रही है मां

धनबाद: बेटे का शव सउदी अरब की राजधानी रियाद में पड़ा है. यहां घरवाले बिलख रहे हैं. मां की आंखों में आंसू नहीं रुक रहे हैं. शव को घर लाने के लिए परिजनों ने धनबाद डीसी से लेकर विदेश मंत्रालय तक से गुहार लगायी है. अब सबकी नजरें सरकार पर टिकी है. यह सवाल भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2015 8:05 AM
धनबाद: बेटे का शव सउदी अरब की राजधानी रियाद में पड़ा है. यहां घरवाले बिलख रहे हैं. मां की आंखों में आंसू नहीं रुक रहे हैं. शव को घर लाने के लिए परिजनों ने धनबाद डीसी से लेकर विदेश मंत्रालय तक से गुहार लगायी है. अब सबकी नजरें सरकार पर टिकी है. यह सवाल भी सबके मन में कौंध रहा है कि अच्छा-खासा नौजवान अचानक मौत के मुंह में कैसे समा गया. कुछ दिन पहले ही तो फोन पर बातचीत हुई थी. सब कुछ ठीक-ठाक था. लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
दिसंबर में नौकरी करने गया था रियाद: सुदामडीह थाना क्षेत्र के भौंरा स्टेशन के निकट रहने वाले स्व. कविंदर साव का पुत्र अमरजीत साव (26 वर्ष) दिसंबर 2014 में एलसेफ कंपनी के माध्यम से रियाद नौकरी करने गया था. वहां किसी बैंक में गार्ड की नौकरी करता था. रात अचानक रियाद से एक कॉल अमरजीत के बड़े भाई रंजीत के पास आया. कॉलर ने खुद को अमरजीत का मित्र बताया. उसने जानकारी दी कि सोमवार की दोपहर दो बजे (सउदी अरब के समय अनुसार) अमरजीत की मौत हो गयी.
कंपनी वाले शव भारत नहीं भेज रहे हैं और न इसकी जिम्मेवारी ले रहे हैं. कंपनी के किसी प्रतिनिधि ने घरवालों को घटना की जानकारी नहीं दी है.
डीसी ने राज्य सरकार को लिखा पत्र : अमरजीत की मां, भाई और अन्य परिजन सुबह में डीसी कृपानंद झा से मिले और बेटे का शव धनबाद लाने की गुहार लगायी. डीसी ने बताया कि राज्य सरकार को पत्र लिख कर मामले से अवगत करा दिया गया है. अब आगे की कार्रवाई राज्य सरकार व केंद्र सरकार के स्तर से की जायेगी.
मां ने लगायी डीसी से गुहार
मंगलवार की सुबह में मृतक की मां ने बेटे का शव लाने के लिए राज्य सरकार से लेकर विदेश मंत्रालय तक को गुहार लगायी. मां का कहना है कि रविवार को ही अमरजीत से बात हुई थी वह अच्छा था, लेकिन अचानक उसे क्या हुआ और कैसे मौत हुई उसकी भी जानकारी हम लोगों को नहीं मिल रही है. बहुत गरीबी के कारण उसे विदेश कमाने के लिए भेजा था. घर की गरीबी दूर करने के लिए मेरा बेटा विदेश में गार्ड की नौकरी कर रहा था. दिसंबर में गया फिर नहीं आया. किसकी नजर लगी जो मेरे बेटा को मार दिया. कम से कम मेरे लाल का अंतिम दर्शन तो हो जाये.

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