बीसीसीएल : पहले रकम काटी नहीं अब एकमुश्त मांग रहे
धनबाद: बीसीसीएल में एक्साइज ड्यूटी काटने में भारी पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. कंपनी ने पहले तो एक्साइज ड्यूटी के तहत डीओ होल्डरों से कम रकम की वसूली की. अब तीन-चार साल बाद उनसे एकमुश्त बकाया राशि की मांग की जा रही है. कंपनी की ओर से डीओ होल्डरों के खाते से बकाया […]
धनबाद: बीसीसीएल में एक्साइज ड्यूटी काटने में भारी पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. कंपनी ने पहले तो एक्साइज ड्यूटी के तहत डीओ होल्डरों से कम रकम की वसूली की. अब तीन-चार साल बाद उनसे एकमुश्त बकाया राशि की मांग की जा रही है. कंपनी की ओर से डीओ होल्डरों के खाते से बकाया राशि भी काटी जा रही है. बीसीसीएल ने सभी डीओधारकों को नोटिस भेजकर मार्च 2011 से फरवरी 2013 तक के बकाया राशि का भुगतान जल्द करने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर उनके संबंधित खाते से राशि काट लेने की चेतावनी दी गयी है.
18 करोड़ रुपये कम की कटौती : सूत्रों की माने तो मार्च 2011 से फरवरी 2013 के बीच कंपनी ने लगभग 14 सौ डीओ धारकों से सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में लगभग 18 करोड़ रुपये कम कटौती की है. इसका खुलासा 2014 की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. अब कंपनी इसकी रिकवरी डीओ होल्डरों से कर रही है. सूत्रों की माने तो कंपनी ने अपनी गलती स्वीकार भी की है.
एकमुश्त भुगतान से बढ़ी परेशानी : तीन-चार साल का एकमुश्त बकाया राशि काफी ज्यादा होने से डीओ होल्डरों की परेशानी बढ़ गयी है.
कई डीओ होल्डरों ने कटौती पर रोक लगाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सूत्रों की माने तो एक बड़े डीओ धारक को 74 लाख की कटौती पर स्टे भी मिल गया है.
क्या है नियम : कोल इंडिया ने 25 अप्रैल 2014 को सभी अनुषांगिक कंपनियों को सर्कुलर (सीआइएलस/एस एंड एम/47252/396) जारी किया था. इसमें तीन साल तक, किसी प्रकार की भूल-चूक की राशि के लेन-देन का प्रावधान है. लेकिन उक्त तारीख से पूर्व किसी भूल-चूक को लेकर वसूली का प्रावधान नहीं था.
क्या कहते है डीओ होल्डर
डीओ धारकों का कहना है कि 25 अप्रैल 2014 से पहले कोल इंडिया व अनुषांगिक कंपनियों में किसी भूल-चूक में लेन-देन न करने का प्रावधान है, इसके बावजूद बीसीसीएल प्रबंधन 2011-2013 में कम एक्साइज ड्यूटी राशि की कटौती कर रहा है.
मामले पर अभी हम कुछ बता नहीं सकते है. पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकते है. जानकारी मिली है कुछ डीओ होल्डर कोर्ट गये हैं, लेकिन कटौती पर स्टे मिला है या नहीं इसकी सूचना नहीं है.
एसडी शिंदे, महाप्रबंधक (एस/एम)बीसीसीएल