बीएसएनएल: 33 वर्षों से नहीं हुई बहाली, आउटसोर्सिंग के भरोसे काम
धनबाद. भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में पिछले 33 वर्षों से तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई है. इसके चलते निगम में अब नाम के ही तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मी बचे हुए हैं. प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma […]
बीएसएनएल में अंतिम बहाली वर्ष 1982 में हुई थी. उस समय बीएसएनएल दूरसंचार विभाग था यानी पूर्ण सरकारी था. वर्ष 2000 में बीएसएनएल का गठन हुआ, यानी अर्द्ध सरकारी. सूत्रों के अनुसार पिछले 33 वर्षों में जेटीओ (जूनियर टेलीकॉम ऑफिसर) एवं टेलीकॉम टेक्निकल असिस्टेंट (टीटीए) की बहाली ही विभाग द्वारा की गयी है. जेटीओ के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बी टेक तथा टीटीए के लिए डिप्लोमा है. इसके अलावा यूपीएससी के जरिये आये अधिकारी विभाग में हैं.
धनबाद दूरसंचार जिला में धनबाद के अलावा बोकारो राजस्व जिला भी शामिल है. यहां फिलहाल लगभग छह सौ कर्मचारी बचे हैं, जबकि साढ़े तीन सौ कर्मी आउटसोर्सिंग पर हैं. इनमें लाइनमैन से केबल मैन तक शामिल हैं. विभाग के पास अपना कोई स्थायी चालक तक नहीं है. विभाग द्वारा अकुशल मजदूरों को सात तथा कुशल मजदूरों को दस हजार रुपए पारिश्रमिक दिया जाता है, वह भी ठेकेदार के जरिये.