बाप ने दस माह की बेटी को मार डाला
धनबाद: धनबाद थानांतर्गत विनोद नगर निवासी वीरेंद्र राय की दस महीने की पुत्री की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी. पति और बच्चों से अलग रह रही बच्ची की मां काजल देवी का आरोप है कि बाप ने ही बेटी को बरटांड़ स्थित अपनी चाय दुकान में पटक कर मार डाला है और साक्ष्य छिपाने […]
धनबाद: धनबाद थानांतर्गत विनोद नगर निवासी वीरेंद्र राय की दस महीने की पुत्री की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी. पति और बच्चों से अलग रह रही बच्ची की मां काजल देवी का आरोप है कि बाप ने ही बेटी को बरटांड़ स्थित अपनी चाय दुकान में पटक कर मार डाला है और साक्ष्य छिपाने के लिए गांव ले जाकर शव को दफना दिया है. उसने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज को लेकर मारपीट कर घर से निकाल देने व बेटी की हत्या करने की लिखित शिकायत की है. पुलिस ने काजल के भैसूर सुरेंद्र राय को हिरासत में ले लिया है. वीरेंद्र समेत अन्य आरोपी फरार हैं. जय प्रकाश नगर निवासी घनश्याम उर्फ कारू सिंह की बेटी काजल की शादी वीरेंद्र से 27/02/09 में हुई थी.
काजल दो बेटी की मां बनी. आरोप है कि एक साल पहले पांच लाख दहेज की मांग को लेकर पति व भैसूर काजल से मारपीट करने लगे. महिला थाना ने दोनों पक्षों में समझौता करा दिया. वह ससुराल में रहने लगी. छह माह पूर्व फिर दहेज के लिए मारपीट की गयी और घर से निकाल दिया गया. ससुराल वालों ने दोनों बेटियों को भी छीन लिया. वह अकेली नैहर आकर रहने लगी. गुरुवार को दिन में वह अपनी मां के साथ हाउसिंग कॉलोनी जा रही थी तो देखा कि दोनों बेटी दुकान पर खेल रही है. वापस आने पर देखा कि उसके पति ने दस माह की बच्ची को पटक कर मार दिया और गमछा में लपेट कर घर चला गया. वह मां के साथ जय प्रकाश नगर घर पहुंची और रात में पिता के आने पर सारी बात बतायी. शुक्रवार को थाना में आकर पुलिस को घटना की जानकारी दी.
बेटा चाहता था दामाद
काजल की मां मंटुन देवी ने कहा कि उसके दामाद को बेटा चाहिए था. दोनों बार लगातार बेटी होने से दहेज की मांग को लेकर मारपीट करने लगा और बेटी को घर से निकाल दिया. दामाद वीरेंद्र का बड़ा भाई सुरेंद्र राय ही इस फसाद की जड़ है. वह दामाद को शराब के लिए पैसा देता है और भड़काता है. शराब पीकर ही दामाद ने बच्ची को मार डाला है. बड़ी बेटी दीक्षा तीन साल की है और छोटी इच्छा दस माह की थी.
हाउसिंग कॉलोनी में हुई थी शादी
काजल के पिता घनश्याम ने कहा कि वह पहले हाउसिंग कॉलोनी में रहते थे. वहीं पास में ही वीरेंद्र भी रहता था. उस समय अच्छा लड़का देख बेटी के साथ शादी कर दी. बाद में दोनों परिवार के बीच अनबन होने से घर बदल दिया. वह जय प्रकाश नगर चले आये. वीरेंद्र व उसका परिवार विनोद नगर चला गया. वीरेंद्र का गांव देवघर के गंगरी में है. जबकि उनका गांव खगड़िया में नगर गांव में है.
फूफा का बयान अलगकाजल के फूफा कन्हाई सिंह कह रहे हैं कि काजल ने नहीं बल्कि उसने देखा कि वीरेंद्र ने चाय दुकान पर बच्ची को मार डाला. फिर गमछा में लपेट कर चाय दुकान बंद कर भाग गया. वह बस स्टैंड जाकर काजल के पिता को घटना की जानकारी दी. काजल के पिता बस एजेंट है.
छह महीने से दूध पिला कर पाल रहे हैं
पुलिस गिरफ्त आये वीरेंद्र के बड़े भाई सुरेंद्र राय ने कहा कि वह मिठाई दुकान चलाते हैं. वीरेंद्र की बेटी को छह महीने से दूध पिला कर पाल रहे हैं. बच्ची की मौत कैसे हो गयी, वह नहीं जानते हैं. वह गांव से गुरुवार को रात में आये हैं. इससे पहले बच्ची की मौत हो चुकी थी.
दुकानदारों से पूछताछ
पुलिस ने कहा कि काजल की शिकायत पर पुलिस टीम बरटांड़ गयी और आसपास के कई दुकानदारों से पूछताछ की. दुकानदारों ने कहा कि वह इस मामले में कुछ भी नहीं जानते हैं. वीरेंद्र ने बच्ची को कब पटक कर मारा, उन्होंने नहीं देखा. पुलिस ने कहा कि बच्ची की मौत किसी बीमारी या सांप काटने से भी हो सकती है. हालांकि इसकी जांच की जा रही है. काजल ने स्व. जगदीश राय के पुत्र वीरेंद्र समेत सुखदेव, सुरेंद्र व रवि राय के खिलाफ लिखित शिकायत की है.