धीरेंद्रपुरम में मारी गयी थी गोली

धनबाद: डिप्टी मेयर नीरज सिंह के चचेरे मामा एवं मुखिया संजय सिंह को बेकारबांध के आइबी में नहीं बल्कि उनके निकट संबंधी कालीचरण सिंह उर्फ टिकलू सिंह के धीरेंद्रपुरम धैया स्थित घर में गोली मारी गयी थी. बकाया राशि के विवाद को ले कर यह हत्या हुई. पुलिस ने हत्यारों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

धनबाद: डिप्टी मेयर नीरज सिंह के चचेरे मामा एवं मुखिया संजय सिंह को बेकारबांध के आइबी में नहीं बल्कि उनके निकट संबंधी कालीचरण सिंह उर्फ टिकलू सिंह के धीरेंद्रपुरम धैया स्थित घर में गोली मारी गयी थी. बकाया राशि के विवाद को ले कर यह हत्या हुई. पुलिस ने हत्यारों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिये हैं.

यह खुलासा धनबाद पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर जांच के बाद किया है. डीएसपी (विधि-व्यवस्था) अमित कुमार के अनुसार कालीचरण सिंह ही छह मई को संजय सिंह को अपने घर ले गया था. वहां बकाये की राशि को ले कर पंचायती हो रही थी. इसी दौरान कालीचरण के भाई बंटी सिंह ने संजय सिंह पर गोली चला दी. संजय सिंह को अस्पताल भी कालीचरण ही ले कर गया. उसने ही पुलिस को सूचना भी दी. बाद में जब पुलिसिया दबाव बढ़ा तो कालीचरण गायब हो गया. इस सिलसिले में कालीचरण और उसके भाई पर हत्या करने और साक्ष्य छुपाने की प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

कालीचरण के घर थे खून के छींटे : पुलिस का दावा है कि घटना का खुलासा उसने दूसरे दिन ही कर लिया था, जब कालीचरण के घर खून के छींटे मिले थे. डीएसपी के अनुसार पुलिस संजय के बयान का इंतजार कर रही थी. इलाज के दौरान शनिवार को संजय सिंह की मौत दुर्गापुर में हो गयी. रविवार को पुलिस ने मृतक का स्कूटर वीआइपी कॉलोनी बेकारबांध से विनोद सिंह नामक उनके एक नजदीकी संबंधी के यहां से बरामद किया. संजय सिंह पहले विनोद सिंह के ही घर गया था.
सूत्रों के अनुसार पुलिस इस मामले में कई लोगों से पूछ-ताछ कर रही है.

एसपी ने बनायी थी विशेष टीम
संजय सिंह गोलीकांड के बाद एसपी जतिन नरवाल ने डीएसपी (विधि-व्यवस्था) अमित कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनायी थी. डीएसपी को हत्याकांड के उद्भेदन की विशेष जिम्मेदारी दी गयी थी. पुलिस ने कालीचरण के मोबाइल को सर्विलांस में डाल कर इस कांड से जुड़े कई तथ्य जुटाये.

शव को पैतृक गांव ले गये
दूसरी तरफ, रविवार को संजय सिंह का पोस्टमार्टम दुर्गापुर सरकारी अस्पताल में हुआ. उनके परिजन शव को लेकर अपने गांव भोजपुर चले गये.

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