हवा में जलाया सीएफएल हथेली से चलाया रोबोट

धनबाद. आइएसएम के स्टूडेंट्स एक्टिविटी सेंटर में रविवार को रोबो एक्सपो 2015 का आयोजन किया गया. इसमें स्टूडेंट्स ने अपनी रोबो प्रतिभा से सबको चकित कर दिया. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के अंशुल जैन ने हवा में सीएफएल जला कर दिखाया. 12 वोल्ट के डीसी करंट को 400-500 एसी में बदल दिया. इससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 8:45 AM

धनबाद. आइएसएम के स्टूडेंट्स एक्टिविटी सेंटर में रविवार को रोबो एक्सपो 2015 का आयोजन किया गया. इसमें स्टूडेंट्स ने अपनी रोबो प्रतिभा से सबको चकित कर दिया. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के अंशुल जैन ने हवा में सीएफएल जला कर दिखाया. 12 वोल्ट के डीसी करंट को 400-500 एसी में बदल दिया. इससे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड तैयार हो गया.

यह सीएफएल के अंदर की गैस से रिएक्ट कर जल गया. इसीइ ब्रांच के ही देव ज्योति ने होम ऑटोमेशन यूजिंग व्वाइस कंट्रोल का मॉडल बनाया. इससे अपनी आवाज से घर में बत्ती जलाना या बुझाना, पंखे चलाना समेत कई काम होते हैं. इसके अलावा बस एक आवाज पर आपके इ-मेल को पढ़ कर भी बता सकता है. कार्यक्रम को इसीइ ब्रांच के तृतीय वर्ष के छात्र त्रिशित, अद्रीश चटर्जी, उत्साह बनर्जी ने को-ऑर्डिनेट किया.

लोगों को खूब पसंद आये ये मॉडल
अल्ट्रा सॉनिक रडार : इसे इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन ब्रांच के ऋषि गर्ग व मनीष कुमार ने बनाया था. यह मॉडल अपने हवाई क्षेत्र में हर किसी चीज पर नजर रखता है, जिसे बाद में भी देखा जा सकता है. इसके अलावा स्टूडेंट्स ने नॉक डिटेक्टिंग डोर भी बनाया. यह अपने मालिक के दरवाजे को खटखटाने के तरीके को पहचान कर ही दरवाजा खोलता है. दरवाजा खुलने पर दस सेकेंड पर स्वत: बंद भी हो जाता है.
ह्यूमेरोइड आर्म : इसे इसीइ ब्रांच के द्वितीय वर्ष के छात्र नित्यानंद ने बनाया था. साइकिल की चेन, पेन व एमसीएल का इस्तेमाल कर हथेली व उसकी अंगुलिया बनायी. अपने हाथ में एक विशेष प्रकार के ग्लब्स से इसका संचालन होता है. छात्र ने बताया कि वह पूरा मानव शरीर बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

ऑटो रोटेटिंग सोलर पैनल : इसे इलेक्ट्रिकल ब्रांच के निखिल अग्रवाल व मैकेनिकल के आशिक आनंद ने बनाया था. इसकी मदद से सोलर प्लेट उसी दिशा में मुड़ा रहेगा, जिस दिशा में सूरज रहेगा. सूरज जिस ओर जायेगा, प्लेट भी उसी ओर हो जायेगा. इससे पूरे दिन सूरज की किरणें सोलर प्लेट को मिलेगी.

रॉक पेपर सिजर्स : मैकेनिकल ब्रांच के द्वितीय वर्ष के छात्र रंजन पूर्वे ने इसे बनाया था. इसकी मदद से केवल एक ग्लब्स पहन कर गेम्स खेले जा सकते हैं. न कोई बटन दबाने की जरूरत और न माउस पकड़ने की जरूरत पड़ती है.

क्वाड कॉप्टर : इसे इसीइ के तृतीय वर्ष के छात्र राजकुमार भारती ने बनाया था. यह ड्रोन जैसा है, जिसमें चार पंखें लगे हैं. इसे रिमोट से चलाया जा सकता है. यह हवा में आगे-पीछे एवं उल्टा भी हो सकता है. कैमरा लगा कर बाढ़ एवं अन्य आपदा जैसे त्रासदी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

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